मर्यादा पुरुषोत्तम राम की घर घर में पूजा होती है। ऐसा कौनसा घर होगा जहां रामचरित मानस का पाठ नहीं होता होगा। भगवान राम इस देश की आत्मा में बसे हुए है और वो हमे नैतिकता का वो पाठ पढ़ाते है जो जीवन में अति आवश्यक है।
भगवान राम के बाकी भाइयों के बारे में तो हम जानते है कि उनके लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न जैसे भाई थे। एक तरफ लक्ष्मण ने जहां 14 वर्ष तक पिता के समान उनकी वन में सेवा की वही भरत ने भी उनकी चरण पादुका सिंहासन पर रख दी और कुटिया में रहकर राज्य किया। लेकिन क्या आप जानते है कि राम जी की एक बहन भी थी।
राम जी की एक बहन भी थी और उसका नाम था शांता, इनका उल्लेख करते हुए कहा जाता है कि ये चारों भाइयों की सबसे बड़ी बहन थी और राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थीं लेकिन कौशल्या की बहन जिसका नाम वर्षिणी था और वो राजा रोमपद की पत्नी थी निःसंतान थी।
एक बार वर्षिणी अयोध्या में आयी हुई थी और उन्होंने कौशल्या से कुछ मांगने की इच्छा की, इस पर उन्हें वचन दे दिया गया की तुम कुछ भी मांग लो, ऐसे में वर्षिणी ने उनकी बेटी को गोद लेने की इच्छा प्रकट की और ऐसे राम जी की बहन शांता अंगदेश की राजकुमारी कहलाई।