नई दिल्ली : पंचांग के अनुसार 14 मई 2021 शुक्रवार को वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है और इसी दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ है। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के चरणों से धरती पर गंगा अवतरित हुई थीं। इसके साथ ही सतयुग, द्वापर और त्रेतायुग के आरंभ की गणना अक्षय तृतीया से मानी गई है। शुभ और मांगलिक कार्य को करने के लिए अक्षय तृतीया का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। इस तिथि में किए गए कार्य का फल अक्षय माना जाता है। इसी कारण शुभ कार्यों के लिए अक्षय तृतीया को विशेष महत्व दिया जाता है।
अक्षय तृतीया मे शादी विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, वाहन, भूमि, भवन, नया कारोबार आरंभ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पंचांग और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अक्षय तृतीया पर सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहते हैं। इस कारण भी इस तिथि को शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया पर आप वाहन खरीद, गृह प्रवेश करना, आभूषण खरीदना, सोना खरीदना, भूमि संबंधी कार्य, बाजार में निवेश और नवीन व्यापार का आरंभ जैसे काम कर सकते है।
अक्षय तृतीया पर करें वस्तुओं का दान
अक्षय तृतीया पर दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पंखा, चावल, नमक, घी, चीनी, सब्जी, फल, इमली, कपड़ा आदि का दान करें।
शुभ मुहूर्त :
तृतीया तिथि का आरंभ: 14 मई 2021 को प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से।
तृतीया तिथि का समापन: 15 मई 2021 को प्रात: 07 बजकर 59 मिनट तक।
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त: प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक
अवधि: 06 घंटा 40 मिनट
अन्य स्थानों पर अक्षय तृतीया मुहूर्त का समय
नई दिल्ली: प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट
चेन्नई: प्रात: 05:0 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट
जयपुर: प्रात: 05 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट
कोलकाता: प्रात: 04 बजकर 56 मिनट से प्रात: 07 बजकर 59 मिनट
मुंबई: प्रात: 06 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट
बेंगलुरु: प्रात: 05 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर