नई दिल्ली : वाराणसी के काशी विश्वनाथ परिसर मामले में सिविल कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मंजूरी मिलने के बाद मंदिर पक्ष से वादी हरिहर पांडेय को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। जो धमकी यासीन नाम के शख्स ने उन्हें दी है। फोन पर धमकी मिलने के बाद पांडेय ने इसकी शिकायत वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से की, जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
एक प्राइवेट न्यूज संस्थान से बात करते हुए हरिहर पांडेय ने बताया कि 8 अप्रैल को सिविल कोर्ट के फैसले के बाद जब वह घर पहुंचे तो एक अनजान नम्बर से उन्हें फोन आया। फोन पर यासीन नाम के शख्स ने कहा कि,’पांडेय जी मुकदमा तो जीत गए हैं आप लेकिन ASI वाले मंदिर में नहीं घुस पाएंगे, आप और आपके सहयोगी मारे जाएंगे।’
हरिहर पांडेय ने बताया कि धमकी भरे फोन कॉल के बाद उन्होंने शुक्रवार को इसकी शिकायत वाराणसी पुलिस कमिश्नर से की। उसके बाद लक्सा पुलिस ने उनकी सुरक्षा में 2 सिपाही तैनात कर दिए है। दशाश्वमेध सीओ अवधेश पांडेय ने बताया कि हरिहर पांडेय की शिकायत के बाद पुलिस इस मामले में जांच कर रही हैं। फोन पर किसने धमकी दी, इसका पता लगाया जा रहा है। फिलहाल उन्हें सुरक्षा दे दी गई है।
आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस में 1991 में वाराणसी कोर्ट में मुकदमा दाखिल हुआ था। जिसमें प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लार्ड विशेश्वर की ओर से सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय बतौर वादी इसमें शामिल हैं। मुकदमा दाखिल होने के कुछ वर्षों बाद ही सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा की मौत हो गई। अब अकेले हरिहर पांडेय इस मुकदमे में मंदिर की ओर से पक्षकार हैं।