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Kargil Vijay Diwas: देशभर में कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पूरे

वीर सपूतों की गौरवगाथा, और अपने देश के लिए शरहद पर प्राणों का बलिदान देने वाले शहीदों का नाम सदा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है। ऐसे में कारगिल युद्ध जिसे हर वर्ष देश भर में 26 जुलाई को मनाया जाता है जिसका महत्व हर भारतीय दिलों में संजोया हुआ है। सन 1999 में भारत- पाकिस्तान के बीच 60 दिन तक हुए युद्ध के समापन को विराम दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसके 25 साल पूरे हो गए हैं।

By: Abhinav Tiwari 
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Kargil Vijay Diwas: देशभर में कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पूरे

Kargil Vijay Diwas: वीर सपूतों की गौरवगाथा, और अपने देश के लिए शरहद पर प्राणों का बलिदान देने वाले शहीदों का नाम सदा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है। ऐसे में कारगिल युद्ध जिसे हर वर्ष देश भर में 26 जुलाई को मनाया जाता है। सन 1999 में भारत- पाकिस्तान के बीच 60 दिन तक हुए युद्ध के समापन को विराम दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसके 25 साल पूरे हो गए हैं।

यही वह दिन था जब भारत मां के वीर सपूतों ने पाकिस्तानियों को जम्मू-कश्मीर के कारगिल से खदेड़ कर बाहर करके अपनी विजय गाथा को सदा-सदा के लिए अमर कर लिया था।

क्या है कारगिल युद्ध

कारगिल युद्ध अभी तक के सबसे भयानक युद्ध में से एक है। कारगिल युद्ध एक सशस्त्र युद्ध था,जो की भारत-पाकिस्तान की सेनाओं के बीच कारगिल और लद्दाख की पहाड़ियो के बीच लड़ा गया था। पाकिस्तान के घुसपैठियों ने नियंत्रण रेखा को पार करके कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया था।

ऐसे में भारतीय सैनिकों ने अपनी जमीन को प्राप्त करने के लिए पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल की पहाडियों से खदेड़ते हुए अपने वतन से बाहर का रास्ता दिखाया था। युद्ध की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पाकिस्तानी सेनानी युद्ध करते-करते भारत की सीमा तक आ पहुंचे थे तो ऐसे में भारतीय जवानों ने कारगिल की चोटियों पर चढ़कर दुश्मनों को धूल चटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

वहीं दूसरी ओर वायु सेना ने दुश्मनों को परास्त करने के लिए हवाई सहायता भारत सरकार ने प्रदान की। इस युद्ध के दौरान सभी भारतीयों ने अपने देश की अखंडता-एकता व पराक्रम का प्रदर्शन किया।

युद्ध के दौरान सैनिकों ने अपने देश की रक्षा के लिए गोलियां खाकर अपने प्राण न्योछावर कर दिए। कारगिल दिवस हमारे वीर-जवानों की गाथा और शोर्य को याद करने का बेहद खास दिन है।

वायुसेना का भी रहा महत्वपूर्ण योगदान

कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनको याद करने के लिए देशभर में मनाया जाता है। रक्षा मंत्रालय द्वारा भी वायुसेना देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों सपूतों के सम्मान में 12-26 जुलाई तक वायुसेना स्टेशन सरसावा में ‘कारगिल विजय दिवस रजत जयंती’ मना रही है।

दरअसल, भारतीय वायुसेना का भी युद्ध में बहुत महत्व पूर्ण योगदान रहा है क्योंकि भारत देश के पास वीर वायु योद्धाओं के साहस और बलिदान की गौरवपूर्ण विरासत है,और इन्होंने 1999 के करगिल युद्ध में वीरता से लड़ाई लड़ी थी।

ऑपरेशन सफेद सागर

आपको बता दें कि करगिल युद्ध (ऑपरेशन सफेद सागर) 16 हजार फुट से अधिक की खड़ी ढलान और चक्करदार ऊंचाइयों की चुनौतियों का सामना करने वाले भारतीय वायुसेना की सैन्य क्षमता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

इस युद्ध के दौरान वायुसेना ने कुल मिलाकरलगभग पांच हजार लड़ाकू मिशन, 350 टोही/ईएलआईएनटी मिशन और लगभग 800 एस्कॉर्ट उड़ानें भर दुश्मनों का परास्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय वायुसेना ने घायलों को सुरक्षित निकालने के लिए और हवाई परिवहन कार्यों को सुचारु रुप से चलाने के लिए दो हजार से अधिक हेलीकॉप्टर उड़ानें भर अपना योगदान दिया था।

This post is written/published by PRIYA TOMAR and Edited by Abhinav Tiwari…

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