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भारतीय रिटेल सेक्टर को उम्मीद है कि 2021 की पहली छमाही में कारोबार सामान्य स्तर के आसपास पहुंच जाएगा

By RNI Hindi Desk 
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भारत दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में से एक है। देश के रिटेल सेक्टर में बादशाहत कायम करने की जंग तेज हो गई है। एक तरफ वालमार्ट की स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट तो दूसरी तरफ अमेजन भारत के रिटेल मार्केट में बढ़त बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। वहीं, एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी रिलायंस रिटेल के जरिए इन दोनों दिग्गज कंपनियों को रिटेल सेक्टर में टक्कर देने में लगे हैं। कोविड-19 के काल में रिटेल सेक्टर को छोड़कर बाकी सेक्टर्स पर बहुत अधिक असर पड़ा लेकिन इसी साल इस सेक्टर में बादशाहत की जंग भी काफी तेज होकर उभरी।

इसकी वजह है कि 2025 तक भारत के रिटेल सेक्टर के आकार के 1.3 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाने की उम्मीद है। इस साल जेफ बेजोस की अगुवाई वाले अमेजन और मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस के बीच कड़ी टक्कर की शुरुआत अगस्त में हुई जब आरआईएल और अन्य दिग्गज रिटेलर फ्यूचर ग्रुप के बीच 24,713 करोड़ रुपये की मेगा डील हुई। इससे एक साल पहले बेजोस की अमेजन ने फ्चूयर रिटेल में निवेश किया था। अमेजन ने आरआईएल के साथ हुए फ्यूचर ग्रुप के डील का यह कहते हुए विरोध किया कि इससे फ्यूचर ग्रुप के निवेश समझौते का उल्लंघन होता है।

इसके बाद यह कानूनी लड़ाई सिंगापुर और भारत की अदालतों में चल रही है। इससे जुड़े फैसले से आने वाले समय में भारत के रिटेल सेक्टर की तस्वीर तय होगी।

इन सभी चीजों के अलावा 63 लाख करोड़ के बिजनेस वाले भारतीय रिटेल सेक्टर को उम्मीद है कि 2021 की पहली छमाही में कारोबार सामान्य स्तर के आसपास पहुंच जाएगा। हालांकि, इंडस्ट्री को लगता है कि बिना किसी गैर-पारंपरिक समाधान और सरकार की मदद के बिना तेज रिकवरी संभव नहीं है।

रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद रिटेलर्स के बीच जरूरी और गैर-जरूरी चीजों को लेकर एक समझ विकसित हुई। अपैरल, ज्वेलरी, शूज और सीडीआईटी (कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्यूरेबल्स, आईटी और टेलीफोन) जैसे गैर-जरूरी श्रेणी के बिजनेसेज को लॉकडाउन के दौरान 100 फीसद नुकसान हुआ।

एसेंसिएल कैटेगरी की कंपनियों को भी काफी अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, ये चुनौतियां अलग तरह की थी। इनमें मांग में भारी वृद्धि, सप्लाई चेन से जुड़ी समस्याओं का समाधान, लिक्विडिटी बनाए रखना, सेफ्टी स्टैंडर्ड के साथ स्टोर के ऑपरेशन को सुनिश्चित करना, कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर गौर करने और कर्मचारियों की संख्या में कमी की दिक्कत से जूझना पड़ा।

2021 में बाजार में वैक्सीन पहुंचने की संभावना के बीच बड़ी रिटेल कंपनियां और ऑफलाइन रिटेल स्टोर्स अगले साल में प्री-कोविड के स्तर के कारोबार की उम्मीद कर रही हैं।

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