प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वे देशवासियों से माफी मांगते हैं, क्योंकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं जिनसे देशवासियों को तकलीफ उठानी पड़ रही है।
बता दें कि, कोरोना के बड़ते संक्रमण को देखते हुए पीएम मोदी ने 21 दिनों के लिए लॉकडाउन का एलान किया था। साथ ही, पीएम मोदी ने मन की बात मे लोगों से बात की, जो कोरोना वायरस के संक्रमण में आए और इलाज करवा कर ठीक हुए। पीएम मोदी ने कहा मुझे कुछ ऐसी घटनाओं का पता चला है जिनमें कोरोना वायरस के संदिग्ध या फिर जिन्हें home quarantine में रहने को कहा गया है, उनके साथ कुछ लोग बुरा बर्ताव कर रहे हैं, ऐसी बातें सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
पीएम ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर राम और आगरा के अशोक कपूर से बात की। राम ने कहा कि लॉकडाउन जेल जैसा नहीं है, तो वहीं अशोक कपूर ने कहा कि वे आगरा के स्वास्थ्यकर्मियों और स्टाफ को धन्यवाद देना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पताल के कर्मचारियों और स्टाफ ने उनकी मदद की।
पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ने का तरीका बताया। उन्होंने कहा, सबसे कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है, लेकिन हमें ये समझना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब सोशल इंटरैक्शन को खत्म करना नहीं है।
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा की मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे, अगर आप Lockdown का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा।
मन की बात के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोगों को लगता है की वो लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं तो ऐसा करके वो मानो जैसे दूसरों की मदद कर रहे हैं, ये भ्रम पालना सही नहीं है। ये लॉकडाउन आपले खुद के बचने के लिए है। आपको अपने को बचाना है, अपने परिवार को बचाना है