1. हिन्दी समाचार
  2. ताजा खबर
  3. राजनीतिक घमासान के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा, सीएम-डिप्टी सीएम के बीच हुई लंबी मंत्रणा

राजनीतिक घमासान के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा, सीएम-डिप्टी सीएम के बीच हुई लंबी मंत्रणा

शिवसेना के विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच लंबी बातचीत हुई। ये बैठक मालाबार हिल के सरकारी बंगले में हुई। बताया जा रहा है कि बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार और निगम आवंटन पर चर्चा हुई और इसमें शिवसेना और बीजेपी के विधायकों को प्रमुखता दी जाएगी। ऐसे में विरोध तेज होने तय है। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ जल्दी ही निगम और महामंडल का बंटवारा कर असंतोष दूर करने की कोशिश भी की जायेगी।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

मुंबईः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो गुटों में घमासान चल रहा है। एकनाथ शिंदे कैबिनेट में अजित पवार खेमे से 9 मंत्रियों के शामिल होने के बाद मंत्रियों की कुल संख्या बढ़कर 29 मंत्री हो गई है। जबकि मंत्रिमंडल में 14 पद अभी भी खाली हैं। अब सबकी नजर इन खाली पदों पर टिक गयी है। वहीं अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद शिंदे गुट में बेचैनी बढ़ गई है। इसके साथ ही शिंदे गुट में नाराजगी के सुर भी उठने लगे हैं। शिवसेना के विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए बीती रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच लंबी बातचीत हुई। ये बैठक मालाबार हिल के सरकारी बंगले में हुई। बताया जा रहा है कि बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार और निगम आवंटन पर चर्चा हुई और इसमें शिवसेना और बीजेपी के विधायकों को प्रमुखता दी जाएगी। ऐसे में विरोध तेज होने तय है। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ जल्दी ही निगम और महामंडल का बंटवारा कर असंतोष दूर करने की कोशिश भी की जायेगी। इससे पहले अजित पवार के महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल होने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के नेताओं की चिंता को दूर करने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा थी कि परेशान होने की कोई बात नहीं है।

शरद पवार ने 12 बागियों को किया निष्कासित

उधर शरद पवार ने औपचारिक रूप से अपने भतीजे और पूर्व शीर्ष सहयोगी प्रफुल्ल पटेल सहित 12 बागियों को निष्कासित कर दिया है। शरद पवार द्वारा आयोजित NCP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर अजीत पवार गुट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस बैठक की कोई कानूनी पवित्रता नहीं है। वहीं NCP प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में अपने भतीजे की उम्र संबंधी टिप्पणी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मैं अभी भी प्रभावी हूं, चाहे मैं 82 साल का हो जाऊं या 92 साल का। उन्होंने कहा कि नहीं, पार्टी सर्वोच्च है और मैं पार्टी के फैसले से बंधा हुआ हूं।

अजित गुट का पार्टी का नाम व प्रतीक चिन्ह का दावा

अजित पवार गुट का कहना है कि यह असली एनसीपी है और उन्होंने चुनाव आयोग से पार्टी के नाम और प्रतीक चिन्ह का दावा भी किया है। हालांकि अब तक उन्हें 32 विधायकों का समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। जबकि शरद पवार के पास 14 विधायकों का समर्थन है। लेकिन चुनाव आयोग द्वारा उनके दावे पर विचार करने से पहले उन्हें पार्टी के 53 विधायकों में से दो-तिहाई बहुमत यानि 36 विधायकों की जरूरत होगी। वहीं शरद पवार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी चिन्ह के लिए भतीजे अजित पवार के दावे पर आपत्ति जताई है। बता दें कि दो दिन पहले शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया। अजित पवार ने अब खुद एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया है। अजित पवार गुट ने दावा किया है कि 30 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसका फैसला लिया गया था।

‘कार्यकर्ताओं में असंतोष’ की खबरों बताया अफवाह

वहीं अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस्तीफे की खबरों पर भी विराम लग गया है। शिंदे ने कहा कि शिवसेना का दूसरा गुट हमारे विधायकों के बीच अशांति की अफवाह फैला रहा है। मेरे साथ पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की ताकत है। सीएम शिंदे ने कहा कि अजित पवार की सरकार में एंट्री से पार्टी विधायकों में किसी तरह का असंतोष नहीं है। अजित पवार ने पीएम मोदी में विश्वास दिखाया है। हमारी सरकार ने महाराष्ट्र में विकास के कई काम किए हैं। अजित पवार ने विकास का साथ दिया है। अजित को जब गठबंधन में शामिल किया गया तो वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लिया गया।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...