हिज़ाब मामले में आज कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि इस्लाम में हिज़ाब जरुरी नहीं है, छात्रों को यूनिफार्म में ही आना चाहिए। इसके बाद से देश भर में इस्लाम मानने वालों लोगों की अलग अलग प्रतिक्रिया आ रही है। इस मामले मे अब एआईएमआईएम प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रतिक्रिया दी है।
हिज़ाब मामले में आज कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि इस्लाम में हिज़ाब जरुरी नहीं है, छात्रों को यूनिफार्म में ही आना चाहिए। इसके बाद से देश भर में इस्लाम मानने वालों लोगों की अलग अलग प्रतिक्रिया आ रही है। इस मामले मे अब एआईएमआईएम प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रतिक्रिया दी है। फैसला आने के बाद ओवैसी ने एक ट्वीट किया और लिखा कि मैं इस फैसले से सहमत नहीं हूं और यह मेरा हक है। मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
उन्होंने लिखा कि इस फैसले ने धर्म, संस्कृति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसलिए मुझे यह भी उम्मीद है कि सिर्फ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ही नहीं अन्य धार्मिक संगठन भी इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
1. I disagree with Karnataka High Court's judgement on #hijab. It’s my right to disagree with the judgement & I hope that petitioners appeal before SC
2. I also hope that not only @AIMPLB_Official but also organisations of other religious groups appeal this judgement…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 15, 2022
ओवैसी ने कहा कि, राज्य को धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप की अनुमति केवल तभी दी जानी चाहिए, जब उससे किसी को नुकसान पहुंचे. हिजाब से किसी को नुकसान नहीं पहुंचता है। बल्कि, इस पर प्रतिबंध मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा ग्रहण करने से रोकता है।
वही, हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट की फुल बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान इस तरह के पहनावे और हिजाब पर बैन लगा सकते हैं। अपने आदेश के साथ ही हाई कोर्ट में हिजाब की अनुमति मांगने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।
हाई कोर्ट की फुल बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा हिजाब पहनना इस्लाम में जरूरी हिस्सा नहीं है। बेंच ने मुस्लिम संगठनों और छात्रों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि हिजाब पहनना जरूरी नहीं है, शिक्षण संस्थान क्लास में हिजाब पहनने पर बैन लगा सकते हैं।
15 दिनों तक हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
शिक्षण संस्थानों में हिजाब के लेकर हाई कोर्ट पहुंचे इस विवाद पर फुल बेंच ने 15 से ज्यादा दिनों तक सुनवाई की और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछले हफ्ते फैसला सुरक्षित रख लिया था। इधर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य सरकार ने कर्नाटक के जिलों में धारा 144 लागू कर दी है। जो इलाके सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं वहां के शिक्षण संस्थानों के बंद रखने का फैसला लिया है।