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देवभूमि उत्तराखंड में रावत सरकार ने इतने दिन और बढ़ाया कोरोना कर्फ्यू, ब्लैक फंगस के भी बढ़ रहे मामले

By: RNI Hindi Desk 
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देवभूमि उत्तराखंड में रावत सरकार ने इतने दिन और बढ़ाया कोरोना कर्फ्यू, ब्लैक फंगस के भी बढ़ रहे मामले

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

देहरादून: कोरोना महामारी के दूसरे लहर का कहर लगातार जारी है। कोरोना से संक्रमित मरीज ऑक्सीजन और दवाईयों की कमीं से लगातार दम तोड़ रहें हैं। महामारी के दूसरे लहर ने कई हंसते-खेलते परिवारों को तबाह कर रहा है। मौजूदा वक्त में कोरोना महामारी ने उत्तराखंड को चपेट में ले लिया है। इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि तीरथ सिंह रावत सरकार ने एक हफ्ते के लिए राज्य में कोरोना कर्फ्यू को और बढ़ा दिया है। उत्तराखंड में अब 25 मई तक कोरोना कर्फ्यू लागू रहेंगी। जबकि उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू 18 मई को खत्म हो रहा था।

आपको बता दें कि रविवार को ही सीएम रावत ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिये थे। इस दौरान सीएम ने कहा था कि सरकार कोविड के मामलों पर निरंतर नजर बनाए हुए है और विचार विमर्श के बाद कोविड कर्फ्यू को बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा। वहीं  शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने भी कोविड कर्फ्यू 25 मई तक बढ़ाए जाने के संकेत दिए थेय़

राज्य में कोरोना के मामले डराने वाले हैं। वहीं पिछले दस दिनों में 9 साल से कम उम्र के लगभग 1,000 बच्चे महामारी से संक्रमित पाए गए हैं। बच्चों को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं गांवों में वायरस तेजी से फैल रहा है और मौतें भी हो रही हैं। नैनीताल के एक गांव में तो बीते दो हफ्तों में 30 लोगों की मौत हो गई।

हालात तो ये हो गये हैं कि प्रति एक लाख लोगों पर 771 ऐक्टिव केस हैं, इगर उत्तर प्रदेश से तुलना करें तो प्रति एक लाख लोगों की तुलना में सात गुना ज्यादा मामले हैं। मौजूदा वक्त में राज्य में 79,379 कोरोना वायरस के ऐक्टिव मामले हैं और 4,426 लोगों की मौत हो चुकी है।

सूबे में ब्लैक फंगस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। शनिवार को योगनगरी ऋषिकेश के एम्स में ब्लैक फंगस के दो मरीज मिलने की खबर से हड़कंप मच गया था। वहीं संक्रमित की मौत समेत 17 केस मिलने के बाद एम्स प्रशासन ने डायबिटीज और हायपरटेंशन से पीड़ित कोविड संक्रमितों की अनिवार्य रूप से ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) की जांच करने का निर्णय किया है। संक्रमितों की निगरानी और जांच के लिए एक 15 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम भी गठित की गई है।

 

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