रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य का नाम आते ही लोगो में विद्वता आनी शुरु हो जाती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। इस विद्वान ने राजनीति,अर्थनीति,कृषि,समाजनीति आदि ग्रंथो की रचना की थी। जिसके बाद दुनिया ने इन विषयों को पहली बार देखा है। आज हम आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के उस नीति की बात करेंगे, जिसमें उन्होने बताया है कि लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए तो जीवन में उतार लें ये 3 मुख्य बातें…
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लक्ष्मीं को धन की देवी माना है।
लक्ष्मी जी की पूजा सभी प्रकार के दुखों को दूर करने में सहायक मानी गई है। शास्त्रों में लक्ष्मी जी को सुख, समृद्धि, धन और वैभव की देवी माना गया है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार लक्ष्मी जी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में लक्ष्मी जी को धन की देवी माना है। चाणक्य के अनुसार अर्थप्रधान युग में धन एक महत्वपूर्ण साधन है। धन जब व्यक्ति के पास होता है, तो उसका जीवन हर प्रकार के सुखों से पूर्ण रहता है। चाणक्य का मानना था कि धन की देवी लक्ष्मी कुछ विशेष गुणों से बहुत जल्द प्रभावित होती हैं। जीवन में यदि व्यक्ति को धनवान बनना है तो, इन गुणों को अवश्य अपनाना चाहिए।
1 आलस न करें, लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को सर्वप्रथम अपने लक्ष्य को निर्धारित करना चाहिए। लक्ष्य निर्धारित होने के बाद उसे पाने के लिए कठोर परिश्रम करना चाहिए। लक्ष्मी जी परिश्रम करने वालों से प्रसन्न होती हैं और अपना आशीष प्रदान करती हैं। आलसी व्यक्ति को लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है।
2 अहंकार सफलता में बाधक है
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति अहंकार से दूर रहना चाहिए। अहंकारी व्यक्ति को कोई भी पसंद नहीं करता है। अहंकार प्रतिभा को नष्ट करता है। अहंकार से बचें। व्यक्ति को अपने बुरे दिनों को हमेशा याद रखना चाहिए।
3 वाणी में मधुरता लाएं
चाणक्य के अनुसार जिसकी वाणी मधुर होती हैं, वे सभी के प्रिय होते हैं। ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे व्यक्ति जीवन में बहुत सफलता प्राप्त करते हैं।