पीएम किसान मानधन योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को हर महीने पेंशन देने की योजना है, जिसमें 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये यानी 36 हजार सालाना पेंशन दी जाती है। यदि कोई किसान पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहा है तो उसे पीएम किसान मानधन योजना के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा, क्योंकि ऐसे किसान का पूरा दस्तावेज भारत सरकार के पास है। पीएम-किसान स्कीम से प्राप्त लाभ में से सीधे ही अंशदान करने का विकल्प चुनने की छूट है। इस तरह किसान को सीधे अपनी जेब से पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। 6000 रुपये में से उसका प्रीमियम कट जाएगा। यानी जेब से बिना खर्च किए किसान को 36000 सालाना भी मिलेगा और अलग से 3 किस्त भी।
मानधन योजना के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। वहीं मानधन योजना से जुड़कर आप जेब से बिना खर्च किए 36000 सलाना पाने का हकदार हो जाएंगे। जबकि पीएम किसान स्कीम से अब किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) को भी जोड़ दिया गया है। पीएम किसान के लाभार्थियों के लिए केसीसी बनवाना आसान हो गया है।
अब केसीसी सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित नहीं है। पशुपालन और मछलीपालन भी इसके तहत 2 लाख रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा। खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, भले ही वो किसी और की जमीन पर खेती करता हो, इसका लाभ ले सकता है। न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल होनी चाहिए।
पीएम किसान स्कीम की वेबसाइट पर ही केसीसी का फार्म उपलब्ध करवा दिया गया है। इसलिए बैंकों से कहा गया है कि वे सिर्फ तीन दस्तावेज लें और उसी के आधार पर लोन दें। किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड, पैन नंबर और फोटो ली जाएगी। इससे यह पुष्टि होगी कि आप किसान हैं। वहीं आपसे एक शपथ पत्र लिया जाएगा। इससे पता चलेगा कि आप पर किसी बैंक में आवेदक का कर्ज तो बकाया नहीं है।
केसीसी के तहत 3 लाख रुपये तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसद ब्याज पर मिलता है। समय पर पैसा लौटा देते हैं तो 3 फीसद की छूट मिलती है। इस तरह ईमानदार किसानों को 4 फीसद ब्याज पर ही पैसा मिल रहा है।