रिपोर्ट: गीतांजली लोहनी
नई दिल्ली: भारत के प्रमुख पर्व में से एक रंगो का त्योहार होली भी है। इस त्योहार के दिन सभी लोग ऊंच-नीच, जाति-धर्म की दीवार तोड़कर बस रंगो के रंग में घुल जाते है। रंगो के साथ स्नेह के इस त्योहार को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। होली 2 दिन का त्योहार होता है पहले दिन रात में होलिका दहन मनाया जाता है फिर अगले दिन सुबह रंगो की होली खेली जाती है। तो चलिए आज जानते है होली के बारे में कुछ पारंपरिक बातें।
दरअसल, भगवान विष्णु ने जब नरसिंह का अवतार लेकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी, तब से ही होली का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस बार होलिका दहन रविवार, 28 मार्च को किया जाएगा। जान लें इस दिन क्या ना करें-
होलिका दहन के दिन किसी को भी पैसे उधार देने की गलती न करें। इस दिन रुपए-पैसे का लेन-देन करने से घर में पूरे साल धन की कमी रहती है। ऐसा करने से घर की सुख-समृद्धि में भी कमी आती है।यदि किसी महिला का सिर्फ एक पुत्र है तो उसे होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित नहीं करनी चाहिए। हालांकि अगर किसी महिला की एक पुत्री और एक पुत्री है तो वो होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित कर सकती है।
होलिका दहन के दिन सफेद चीजें खाने से सख्त परहेज करना चाहिए। इस दिन भूलकर भी सफेद चीजों का सेवन न करें। क्योंकि सफेद चीजों से नकारात्मक शक्तियां जल्दी आकर्षित हो जाती हैं, इसलिए सफेद मिठाई, खीर, दूध, दही या बताशे आदि का सेवन न करें।
होलिका दहन में आम, वट और पीपल की लकड़ी जलाना बेहद अशुभ समझा जाता है। दरअसल इस मौसम में इन तीनों ही पेड़ों में नई कोपलें आने लगती हैं, इसलिए इन्हें जलाना सही नहीं माना जाता है। आप गूलर या अरंड के पेड़ की लकड़ी का ही इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा आप उपले का भी प्रयोग कर सकते हैं।