हमारी हिन्दू संस्कृति और सभ्यता में मां दुर्गा के आराधना के पर्व को नवरात्रि कहा जाता है, देवी पुराण का मत है कि देवी के नौ रूप की साधना करने से मनुष्य की हर मनोकामना पूरी होती है, नौ रात को मिलकर नवरात्र शब्द बना है जिसमे देवी के नौ रूप की आराधना करने का नियम है।
हिन्दू धर्म में मुख्य 18 पुराणों का ज़िक्र है जिसमें देवी भागवत पुराण में यह लिखा हुआ है कि साल के 4 महीने नवरात्र के लिए निर्धारित है, यह नवरात्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मनाये जाते है, इन 4 महीनों में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ माह का वर्णन पुराणों में है।
माता दुर्गा के कुछ अमोघ और दिव्य मन्त्र है जिनके जाप से मनुष्य को सिद्धि प्राप्त होती है तो आइये जानते है कुछ मंत्रो के बारे में –
अगर आपको भक्ति की प्राप्ति करनी है तो नीचे दिए गए मन्त्र का 5000 बार जाप कीजिये आपको माता दुर्गा की भक्ति अवश्य प्राप्त होगी।
नतेभ्य: सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
अगर आप किसी शुभ कार्य को करना चाहते है और आपको बाधाएं आती है तो आप देवी के इस मन्त्र का 10 हज़ार बार जाप कीजिए, इससे आपके जीवन में मंगल होगा।
सर्वमंगमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते।
अगर आप अधिक बीमार रहते है और मृत्यु निकट है तो मोक्ष प्राप्ति के लिए आपको इस मन्त्र का 2100 बार जाप करना होगा इससे आपको मोक्ष की प्राप्ति होगी।
त्वं वैष्णवो शक्तिरनन्तवीर्या विश्वस्य बीजं परमासि माया।
सम्मोहितं देवि समस्तमेतत् त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्ति हेतु:।।
अगर आप युवा है और कोई गंभीर बीमारी आपको हो गयी है तो रोग नाश के लिए इन 9 दिनों में आपको देवी के इस मन्त्र का 2100 बार जाप करना होगा।
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
आखिर में आपको बताते है की अगर आप शत्रु विनाश चाहते है तो नीचे दिए गए मन्त्र का आप 10 हज़ार बार जाप कीजिये, इससे आपका शत्रु का विनाश हो जाएगा।
सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरी विनाशनम्।।