नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने भूषण स्टील लिमिटेड, भूषण एनर्जी लिमिटेड और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के तहत 61.38 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। एजेंसी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि आरोपियों के खिलाफ सार्वजनिक धन की हेराफेरी के संबंध में जांच में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत कार्रवाई की गई है।
कुर्क की गई संपत्तियों में महाराष्ट्र के रायगढ़ में कृषि भूमि, भूषण स्टील के तत्कालीन प्रमोटरों के नियंत्रण वाली संस्थाओं में गोदाम शामिल हैं। ईडी ने Serious Frauds Investigation Office (SFIO) द्वारा भूषण स्टील लिमिटेड, भूषण एनर्जी लिमिटेड और अन्य के खिलाफ सार्वजनिक धन की हेराफेरी से जुड़ी शिकायत के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।
पब्लिक फंड की हेराफेरी का आरोप
SFIO ने कंपनी अधिनियम, 2013 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के विभिन्न प्रावधानों के तहत 16 अगस्त, 2019 को शिकायत दर्ज की थी।
PMLA के तहत जांच के दौरान, यह पता चला कि बीएसएल के पूर्व प्रमोटर नीरज सिंघल, बी बी सिंघल और अन्य ने बीएसएल से फंड डायवर्ट किया था। ईडी ने कहा कि भूषण एनर्जी लिमिटेड द्वारा उनकी सहयोगी कंपनियों को दिए गए अनसिक्योर्ड लोन की आड़ में पब्लिक फंड के रूटिंग के माध्यम से लेनदेन के एक विस्तृत और जटिल वेब के माध्यम से फंड की हेराफेरी की गई थी।
धोखाधड़ी से मिले रकम का इस्तेमाल अचल संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए किया गया था। एजेंसी ने कहा कि लेन-देन की विस्तृत और जटिल वेब को इन संपत्तियों को बेदाग के रूप में पेश करने के लिए प्रोजेक्ट किया गया था।
टाटा स्टील के बोर्ड ने दी भूषण स्टील के अधिग्रहण को मंजूरी
भूषण स्टील के टाटा स्टील में विलय को टाटा स्टील के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने मंजूरी दे दी है। टाटा स्टील भूषण स्टील और बामनीपाल स्टील। अब ये दोनों विधिवत टाटा स्टील के हो जाएंगे। टाटा स्टील ने संकट में फंसी इस कंपनी का अधिग्रहण मई 2018 में आईबीसी के तहत बोली लगाकर किया था।