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मैक्स हॉस्पिटल के बिल पर बढ़ रहा विवाद, कोरोना मरीज को थमाया था 1.8 करोड़ रुपये का बिल, जानें पूरा माजरा

देश में जारी कोरोना संकट के बीच ऐसे कई खबरें सामने आई जिसने निजी अस्पतालों पर कई सवाल खड़ा किये। चाहे वो हॉस्पिटल बिल को लेकर हो या मेडिकल प्राइस को लेकर। इसी बीच देश की राजधानी दिल्ली में स्थित मैक्स हॉस्पिटल की एक खबर सामने आई थी, जिसके बिल ने लोगों के होश उड़ा दिये।

By: Amit ranjan 
Updated:
मैक्स हॉस्पिटल के बिल पर बढ़ रहा विवाद, कोरोना मरीज को थमाया था 1.8 करोड़ रुपये का बिल, जानें पूरा माजरा

नई दिल्ली : देश में जारी कोरोना संकट के बीच ऐसे कई खबरें सामने आई जिसने निजी अस्पतालों पर कई सवाल खड़ा किये। चाहे वो हॉस्पिटल बिल को लेकर हो या मेडिकल प्राइस को लेकर। इसी बीच देश की राजधानी दिल्ली में स्थित मैक्स हॉस्पिटल की एक खबर सामने आई थी, जिसके बिल ने लोगों के होश उड़ा दिये। और ये सोचने को मजबूर कर दिया की आखिर एक आदमी के इलाज का बिल 1.8 रुपये कैसे।

 

वहीं इस बिल के खबरों में छाने के बाद मैक्स हॉस्पिटल ने सफाई दी है। अस्पताल ने बताया कि डिस्चार्ज के वक्त मरीज और उसके परिवार वाले संतुष्ट थे। इसके अलावा उन्हें इलाज की कीमत के बारे में वक्त-वक्त पर जानकारी दी गई थी।

साढ़े चार महीने अस्पताल में भर्ती रहा मरीज

मैक्स हॉस्पिटल (Max Hospital) ने कहा कि, ‘मरीज को 28 अप्रैल को इमरजेंसी में लाया गया था और उन्हें कोरोना वायरस (Coronavirus) हुआ था। इसके साथ ही मरीज को निमोनिया की भी शिकायत थी और हालत काफी गंभीर थी। 10 मई को मरीज को एक्मो मशीन (Ecmo Machine) लगाई गई और उन्हें 75 दिन तक एक्मो मशीन पर रखना पड़ा। 23 जुलाई को मशीन हटाई गई। मरीज को 16 अगस्त तक आईसीयू में रहना पड़ा। मरीज कुल साढ़े चार महीने अस्पताल में रहा।’

 

आप विधायक ने उठाया मुद्दा

यह मामला तब सामने आया जब आम आदमी पार्टी (AAP) के मालवीय नगर विधायक सोमनाथ भारती (Somnath Bharti) ने मैक्स अस्पताल, साकेत में कोविड के इलाज के लिए कथित तौर पर 1.8 करोड़ रुपये चार्ज करने को लेकर सवाल किया कि क्या आजतक इतना बिल किसी अस्पताल ने लिया है?

 

कांग्रेस नेता ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिट्ठी

इस मामले पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है और ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एक रेगुलेटर नियुक्त करने की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा, ‘मैं आपसे तुरंत स्पष्टीकरण मांगूंगा कि अस्पताल ने एक मरीज से इतनी अधिक राशि क्यों और कैसे ली। चाहे वह कितना भी अस्वस्थ हो या ना हो।’ उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को तुरंत एक रेगुलेटर नियुक्त करने के लिए एक विधेयक लाना चाहिए।

 

लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि, कोरोना काल में ऐसे कितने ही बड़े बिल मैक्स हॉस्पिटल (Max Hospital) ने लोगों को दिए हैं और उनसे पैसे भी वसूले हैं। शायद मैक्स हॉस्पिटल (Max Hospital) उन बहुत से अस्पतालों में से एक हो, जहाँ आज भी रोगियों और उनके परिवारों का शोषण हो रहा हो। फिलहाल (Max Hospital) द्वारा लोगों को कोरोना इलाज के कुछ बिल हम आपको दिखा रहे हैं, जो शायद ऐसे ही किसी बड़े घपले की मात्र सुगबुगाहट ही हो।

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