रिपोर्ट: नंदनी तोदी
देहरादून : उत्तराखंड में जहां बीते दिनों सियासी खटपट जारी रही, वही अब एक और विवाद ने सुर्खिया बटोर लिया है। भाजपा अध्यक्ष को उत्तराखंड पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने पर विवाद उमड़ गया है।
प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने के पश्चात प्रथम बार बागेश्वर जिला भाजपा कार्यालय पहुँचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। pic.twitter.com/SME702M97M
— Madan Kaushik (@madankaushikbjp) March 22, 2021
दरअसल, उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष मदन कौशिक जैसे ही हेलीकॉप्टर से बागेश्वर पहुंचे तब प्रदेश की पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। और इसी मामले पर सियासी जंग एक बार फिर छिड़ चुकी है।
आपको बता दें, प्रोटोकॉल्स के अनुसार कोई भी पार्टी का अध्यक्ष हेलीकाप्टर का इस्तेमाल नहीं कर सकता, साथ ही नियमों के अनुसार किसी भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाता है। बावजूद इसके मदन कौशिक को गॉर्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया, और इतना ही नहीं उन्होंने हेलीकाप्टर का भी इस्तेमाल किया।
मामला सामने आने के बाद, प्रदेश के आईजी ने जांच करने की बात कही तो वहीं आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस भी पार्टी पर हमलावर हो गई। इसी पर उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि भाजपा सत्ता का पूरी तरह से दुरुपयोग कर रही है। राज्यभर के अधिकारी भाजपा के दबाव में हैं जो इस तरह नियम कानूनों को ताक में रख रहे हैं. सभी पार्टियों के अध्यक्षों को भी गार्ड ऑफ ऑनर मिलना चाहिए।
वही आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री के बयानों का असर पुलिस पर भी हो रहा है।
मुख्यमंत्री के बयानों का असर पुलिस पर भी हो रहा है https://t.co/VeTtKdVKbB
— Dinesh Mohaniya (@DineshMohaniya) March 22, 2021
इतना ही नहीं कांग्रेस के नेताओं ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा सरकारी संपत्ति का पार्टी की संपत्तियों की तरह इस्तेमाल कर रही है। प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से हेलीकॉप्टर का किराया वसूला जाना चाहिए। हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने वाली सरकार के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
इस मामले पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता एमडी जोशी का कहना है कि जब प्रदेश के मुखिया ही बेतूकी बयानबाजी किए जा रहे हो तो उनके मातहतों पर भी इसका असर होगा ही। शायद यही वजह है कि बागेश्वर पुलिस ये भी भूल गई कि किसे गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाना है किसे नहीं। जोशी का कहना है कि पुलिस ने तो भारी भूल की ही है, लेकिन उत्तराखंड सरकार में कई विभागों के मंत्री रह चुके मदन कौशिक को तो ये जानकारी होनी ही चाहिए कि वे अब गॉर्ड ऑफ ऑनर लेने की हकदार नहीं हैं।
इसी बीच पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने एक बड़ा बयान दिया है। अपनी सफाई में मदन कौशिक ने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर नहीं लेना चाहिए था। गलती से ले लिया गार्ड ऑफ ऑनर। लंबे समय तक मिनिस्टर रहा था इसलिए नहीं रहा ख्याल।
इतना ही नहीं उत्तराखंड पुलिस ने अपनी गलती मानते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) नीलेश आनंद भार्ने ने कहा गलतफहमी की वजह से ऐसा हुआ। उन्होंने बताया कि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी हाल में ही छुट्टी से लौटे हैं और उन्हें राज्य में सरकार में हालिया बदलावों की जानकारी नहीं थी।