रिपोर्ट: सत्यम दुबे
आचार्य चाणक्य के नाम से ही लोगो को जीवन जीने की शिक्षा मिलने लगती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र के माध्यम लोगो को सही दिशा दी है। जो लोग आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र में बताये गये बातों का अनुसरण करते हैं, वो जीवन में कभी मात नहीं खाते। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। आज हम आपको आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र के उस नीति के बारे में बतायेंगे। जिसमें उन्होने बताया है कि अच्छे मित्र, भाई और पत्नी की कब होती है पहचान?
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में बताया है कि नौकर की पहचान काम के समय, सच्चे भाई और अच्छे मित्र की पहचान संकट के समय और पत्नी की पहचान तब होती है, जो व्यक्ति का पूरा धन नष्ट हो जाता है। आचार्य ने तर्क दिया है कि पत्नी विषम परिस्थितियों में पति का साथ देती है, वह सच्ची जीवन-साथी होती है। इसी तरह जो मित्र संकट पड़ने पर या फिर शत्रुओं से घिर जाने पर आपका साथ देता है, वही अच्छा और सच्चा मित्र होता है।
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि व्यक्ति को मित्रता करते वक्त बेहद ही सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि बुरा संगति या फिर बुरा मित्र संकट के समय आपको धोखा दे सकता है। वहीं सच्चा दोस्त हर परिस्थिति में आपका साथ निभाता है।
चाणक्य कहते हैं कि धन के मामले में व्यक्ति को किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि धन को देखकर किसी का भी विश्वास डगमगा सकता है। ऐसे में व्यक्ति को रुपये और पैसों के मामले में हर किसी पर विश्वास नहीं करना चाहिए।