नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य की नीतियां भले ही आपको कठीन लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। अगर हम कठिन राहों को छोड़कर शॉटकर्ट रास्ता अपनाएं तो हो सकता है, उसका हमारे जीवन पर गलत असर पड़े। लेकिन आचार्य चाणक्य की ये नीतियां आपको सफल बनाएंगी। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि कौन सी चीज आपके सुकून को तबाह कर सकती है।
‘किसी की उतनी कदर करें जितनी कि वो आपकी करता है बेहिसाब कदर आपका सुकून तबाह कर देगी।’ आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को किसी की भी कदर करनी है करें, लेकिन लिमिट में। कई बार जरूरत से ज्यादा बेहिसाब कदर आपके सुकून को नष्ट कर देती है। ऐसा असल जिंदगी में कई बार होता है। आपका वास्तविकता में कई तरह के लोगों से आमना सामना होता है। कुछ लोग आपको अच्छे लगते हैं और कुछ नहीं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आप कुछ लोगों को अपने दिल में खास अहमियत देने लगते हैं। हालांकि सामने वाला आपको अपनी लाइफ में उतनी अहमियत नहीं देता।
ऐसे में सामने वाले को आपको अपने जीवन में उतनी ही अहमियत देनी चाहिए जितनी कि वो आपको देता है। अगर आप इसके ठीक उलट काम करेंगे तो उससे आपको तकलीफ होगी। हो सकता है कि शुरुआत में आपको इस बात से फर्क ना पड़े। लेकिन जैसे जैसे वक्त बीतता जाएगा आपकी तकलीफ बढ़ती जाएगी। ऐसा करना आपके सुकून को भी तबाह कर सकता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि किसी की उतनी कदर करें जितनी कि वो आपकी करता है बेहिसाब कदर आपका सुकून को तबाह कर देगा।