नई दिल्ली : आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़ा कठीन लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे, जो भाग्य पर आधारित है।
‘भाग्य उनका साथ देता है जो हर संकट का सामना करके भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं’- आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को हमेशा अपने लक्ष्य के साथ मजबूती से खड़ा रहना चाहिए। अगर वो अपने लक्ष्य के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा तो उसका साथ किस्मत भी देगी। इसके उलट अगर वो मुश्किल आने पर सबसे पहले अपने लक्ष्य को छोड़ेगा तो उसका साथ किस्मत भी नहीं देगी।
असल जिंदगी में अक्सर देखा जाता है कि लोग मुश्किल समय में सबसे पहले अपने लक्ष्य का साथ छोड़ देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें उस वक्त सबसे ज्यादा आसान यही लगता है। उन्हें ऐसा लगता है कि ऐसा करने से उनकी मुश्किलें जल्दी खत्म हो जाएंगी। इस तरह का फैसला लेने वाला व्यक्ति ये भूल जाता है कि अगर वो मुश्किल वक्त में भी अपने लक्ष्य पर नजर बनाए रहेगा तो कभी ना कभी उसे आगे बढ़ने का रास्ता मिल जाएगा।
आगे बढ़ने का रास्ता उसका ना केवल लक्ष्य पूरा करा सकता है बल्कि उसके वो सपने भी पूरे हो सकते हैं जिसके सपने उसने देखे थे। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि भाग्य उनका साथ देता है जो हर संकट का सामना करके भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं।