नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ऑक्सीजन की किल्लत और बेडों की समस्या से संबंधित मामलों पर कड़ी फटकार के बाद केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार अपनी नींद से उठती नजर आई। जिसके बाद लगातार ऑक्सीजन और मरीजों के लिए बेड की कवायद तेज होती नजर आ रही है। वहीं केंद्र ने केजरीवाल सरकार द्वारा नगर के विभिन्न अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की ढुलाई की खातिर टैंकरों की व्यवस्था करने में कथित रूप से विफल रहने पर जमकर फटकारा है। और कहा कि अगर केजरीवाल सरकार ने समय पर कदम उठाये होते तो, “दुखद घटनाओं से बचा जा सकता था।’’
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को लिखे एक तीखे पत्र में यह दावा किया कि ऑक्सीजन की खरीद के लिए विभिन्न जरूरी मुद्दों के हल की खातिर दिल्ली सरकार के प्रयास समय के अनुसार ‘पर्याप्त’’ नहीं थे जबकि अन्य राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस संबंध में बेहतर और पेशेवर तरीके से प्रयास कर रहे हैं।
आपको बता दें कि भल्ला ने यह पत्र 25 अप्रैल को लिखा था। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार थाईलैंड से 18 ‘क्रायोजेनिक’ टैंकरों और फ्रांस से तैयार 21 ऑक्सीजन संयंत्रों का आयात करेगी। केजरीवाल ने कहा कि पिछले सप्ताह कोविड-19 मामलों में भारी वृद्धि के बीच ऑक्सीजन की काफी कमी देखी गई और पिछले दो दिनों में स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
Delhi govt’s efforts to resolve logistical issues for procuring oxygen haven’t been up to the mark; proactive actions could’ve “avoided tragic incidents”: Union Home Secretary Ajay Bhalla in a letter to Delhi Chief Secretary Vijay Dev
— Press Trust of India (@PTI_News) April 27, 2021
केजरीवाल ने कहा कि अगले महीने दिल्ली सरकार विभिन्न अस्पतालों में 44 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगी, जिनमें 21 संयंत्रों का फ्रांस से आयात किया जाएगा। केंद्र 30 अप्रैल तक आठ ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली को पांच ऑक्सीजन टैंकर उपलब्ध कराए हैं। वहीं केंद्रीय गृह सचिव ने उद्योगों को ऑक्सीजन आपूर्ति रोकने, ऑक्सीजन टैंकरों की सुचारू आवाजाही, विदेशों से टैंकर मंगाने जैसे केंद्रीय सरकार के विभिन्न कदमों को रेखांकित करते हुए कहा कि सभी राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश पिछले कुछ दिनों से अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक विशेष डिजिटल समूह का भी गठन किया गया है।
भल्ला ने अपने पत्र में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा कि, “हालांकि, दिल्ली सरकार अब तक शायद ही किसी टैंकर की व्यवस्था कर पाई है, जबकि भारत सरकार द्वारा ऑक्सीजन के आवंटन के कई दिन हो चुके हैं।” गृह सचिव ने कहा कि अभी चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद 21 अप्रैल को दिल्ली के लिए 480 मीट्रिक टन जीवन रक्षक गैस का आवंटन किया गया था।
उन्होंने कहा कि, “हालांकि, मेरे ध्यान में लाया गया है कि भारत सरकार द्वारा वास्तविक आवंटन की तुलना में दिल्ली को कम आपूर्ति मिली है, जो मुख्य रूप से ढुलायी से संबंधित (लॉजिस्टिक) वजहों के कारण है, जिनका राज्य सरकार द्वारा हल नहीं किया गया है।’’ भल्ला ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं में से एक आइनॉक्स को दिल्ली के अंदर स्थित 17 अस्पतालों को 98 एमटी गैस की आपूर्ति करने का निर्देश दिया था, जबकि आईनॉक्स लंबे समय से दिल्ली के भीतर स्थित 45 अस्पतालों को 105 एमटी गैस की आपूर्ति कर रही है।
ऑक्सीजन गैस की कमी के कारण मरीजों की मौत के संबंध में भल्ला ने कहा कि, “अगर दिल्ली सरकार द्वारा समय से विभिन्न हितधारकों, खासकर आपूर्तिकर्ताओं और संबंधित अस्पतालों के साथ उचित, प्रभावी और सार्थक विचार-विमर्श किया होता तो इससे बचा जा सकता था।’’