केंद्रीय कैबिनेट ने डीबीएस बैंक में लक्ष्मी विलास बैंक के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिन में तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसले के बारे में बताया. केंद्र सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों के पैसे निकालने की सीमा भी हटा ली है. 17 नवंबर को सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) पर एक महीने के लिए मोरेटोरियम लगा दिया था.
इसके ग्राहकों के पैसे निकालने की सीमा भी तय कर दी गई थी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह पर सरकार ने यह कदम उठाया था. डीबीएस बैंक के लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक के 20.5 लाख जमाकर्ताओं के हित में यह फैसला लिया है. इस बैंक में जमाकर्ताओं का करीब 20,000 करोड़ रुपये का डिपॉजिट है. उन्होंने कहा कि डीबीएस बैंक में विलय से जमाकर्ताओं को अपने पैसे के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस फैसले से एलवीबी के 4000 कर्मचारियों की नौकरी भी सुरक्षित रहेगी. एलवीबी प्राइवेट बैंक है. डीबीएस बैंक में विलय के बाद इसका वजदू खत्म हो जाएगा.
Union Cabinet approves Scheme of Amalgamation of Lakshmi Vilas Bank with Development Bank India Ltd (DBIL), a private bank. With this, there will no further restrictions on the depositors regarding the withdrawal of their deposits: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/XbkUacBDHI
— ANI (@ANI) November 25, 2020
यह देश में पहला मौका है जब संकट में फंसे किसी बैंक को डूबने से बचाने के लिए विदेशी बैंक की मदद ली जा रही है. पिछले तीन साल से नुकसान में चल रहे एलवीबी की सेहत बहुत ज्यादा बिगड़ जाने के बाद सरकार ने इस पर मोरेटोरियम लगाया है. इसके ग्राहकों के लिए बैंक से पैसै निकालने की अधिकतम सीमा भी 25000 रुपये तय की गई थी.
इस साल एलवीबी दूसरा बैंक है, जिसे संकट से निकालने की जरूरत पड़ी है, जबकि किसी बैंक को संकट से निकाले जाने का पिछले 15 महीने में यह तीसरा मौका है. पिछले साल सितंबर में पीएमसी बैंक फेल कर गया था. फिर, इस साल मार्च में यस बैंक ध्वस्त हो गया. एलवीबी 94 साल पुराना बैंक है. इसके एसेट और लायबिलिटी के अधिग्रहण के बाद डीबीएस के जिम्मे इसकी 563 शाखाएं और 974 एटीएम आएंगे. अब तक डीबीएस बैंक इंडिया ने बड़े शहरों के बाहर अपनी सेवाओं का विस्तार नहीं किया है. एलवीबी के अधिग्रहण से उसे (डीबीएस) दक्षिण भारत के तमिलनाडु में अपनी पैठ बनाने में मदद मिलेगी.