वर्ष 2020 में कोविड से पहले विदेशो में काम करने वाले भारतीय प्रवासियो द्वारा भारत में कुल लगभग 80 अरब डॉलर की धनराशि भेजी गई थी, मगर महामारी के दौरान इस राशि में गिरावट हुई थी। इसके बाद अब फिर से विदेशो में काम करने वाले भारतीय प्रवासियो द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि इस साल के अंत तक रिकॉर्ड लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में आरबीआई के आंकडो का हवाला देते हुए इस बात की उम्मीद की गई है। वर्ष 2020 में महामारी के दौरान भी प्रवासियो की ओर से लगातार धनराशि भारत भेजी गई थी। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा था कि विदेशो से भेजी जाने वाली धनराशि में कमी आयेगी। पूरी दुनिया में अलग-अलग जगहो पर काम करने वाले 1 करोड 80 लाख से अधिक प्रवासी इस वर्ष के अंत तक रिकोर्ट धनराशि को अपने घर पर भारत भेज सकते है।
अमेरिका और कनाडा से आ रही सबसे अधिक धनराशि
भारत से अब बड़ी संख्या में लोग अमेरिका और कनाडा में काम करने के लिए जा रहे है। अमेरिका और कनाडा में काम करने वाले प्रवासी खाड़ी देशो की तुलना में अधिक पैसे कमाते है। जिसके कारण उनके द्वारा पैसो को घर भेजने में भी उनका योगदान अधिक होता है। अमेरिका में रह रहे लगभग 50 लाख प्रवासी भारतीयो में बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग है जो काफी सालो से अमेरिका में रह है और उनकी कमाई भी बहुत अच्छी हो रही है। ऐसे में अब अमेरिका से सबसे अधिक पैसे भारत भेजे जा रहे है, जिसके बाद अमेरिका यूएई से भी आगे निकल गया है।
खाडी देशो से आने वाले पैसे में आई कमी
भारत के केरल से सबसे अधिक प्रवासी खाड़ी देशो में प्रवास करते है। वर्ष 2014 में केरल के शुद्ध घरेलू उत्पाद का 36 प्रतिशत खाड़ी देशो में काम करने वाले प्रवासियो द्वारा भेजे गये रुपयो पर निर्भर करता था, मगर वर्ष 2019 में यह घटकर केवल 19 प्रतिशत ही रह गया है। जिससे पता चलता है कि अब लोग खाड़ी देशो में पहले की तरह नही जा रहे है। पिछले पांच सालो में खाड़ी के पांच मुख्य देशो से जो पैसा प्रवासियो द्वारा भारत भेजा जाता था वह अब लगभग आधा हो गया है।