भाई दूज हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
इस दिन बहनें व्रत, पूजा और कथा आदि करके भाई की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करते हुए माथे पर तिलक लगाती हैं। इसके बदले भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए तोहफा देता है।
इस तिथि पर यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर भोजन कराया था।
यमुना के सत्कार से प्रसन्न होकर यमराज ने वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करेगा और यम पूजन करेगा, उसे सभी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। इसी वजह से इस दिन यमुना में स्नान करने का विशेष महत्व है।
इस दिन बहन-भाई को यम और चित्रगुप्त की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
प्रार्थना करें कि मार्कण्डेय, हनुमान, बलि, परशुराम, व्यास, विभीषण, कृपाचार्य और अश्वत्थामा इन आठ चिरंजीवियों की तरह मेरे भाई को भी चिरंजीवी कर दें। इस तरह पूजा में बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सौभाग्य प्रार्थना करती है।
यमराज का मंत्र – धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज। पाहि मां किंकरैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तु ते।।
यमुना का मंत्र – यमस्वसर्नमस्तेऽसु यमुने लोकपूजिते। वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते।।