रिपोर्ट: सत्यम दुबे
गाजियाबाद: केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीनो नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से धरने पर बैठे किसानों से राकेश टिकैत ने कहा कि हम पीछे नहीं हटने वाले हैं। पीछे हटना हमारी डिक्शनरी में नहीं है। जिस तरह फौजें मोर्चे पर होती हैं तो गोली खाती हैं उसी तरह हम भी मोर्चे पर हैं और लड़ रहे हैं। आंदोलन को आम जनता की भावनाएं आगे बढ़ा रही हैं। यह एक वैचारिक क्रांति है।
उन्होने आगे कहा कि जहां वैचारिक क्रांति आई है उसने परिवर्तन किए हैं। विचार से बड़ा कोई हथियार नहीं है। इस समय देश पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। इनको देश की जनता, व्यापारी, किसान और मजदूरों से कोई लेना देना नहीं है। हैरानी की बात है कि किसान देश की राजधानी को घेर कर बैठे हैं और सरकार बात ही नहीं कर रही है। किसान भी पीछे नहीं हटेगा ।
बुधवार को गाजीपुर बार्डर पर को भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच भिड़ंत हो गई थी। इसके बाद राकेश टिकैत का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने चेतावनी देने के लहजे में कहा था कि यहां कोई मंच पर कब्जा करने की कोशिश करेगा तो बक्कल उधेड़ देंगे। ये लोग फिर प्रदेश में कहीं नज़र नहीं आएंगे। टिकैत बोले कि वे (बीजेपी समर्थक) यहां आकर अपने किसी नेता का स्वागत करना चाह रहे थे। यह कैसे हो सकता है।
इसके साथ ही उन्होने आगे कहा था कि यह मंच किसानों का है। किसान संयुक्त मोर्चे के बैनर तले एकजुट हैं। यदि किसी को यहां आना है तो भाजपा छोड़कर आ जाए। मोर्चे में शामिल हो जाए। उन्होंने कहा किे यहां यह दिखाने की कोशिश की गई कि हमने गाजीपुर के मंच पर भाजपा का झंडा फहरा दिया। यह बिल्कुल गलत बात है। ऐसे लोगों के बक्कल उधेड़ देंगे।
वहीं किसान नेता ने पुलिस पर भी गड़बड़ी फैलाने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता पिछले तीन दिन से आ रहे हैं। पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है। पुलिस गुंडई छोड़ दे। बीजेपी की वर्कर न बने। यह सारा कुछ पुलिस की मौजूदगी में हुआ है।