रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य का नाम आते ही लोगो में विद्वता आनी शुरु हो जाती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। इस विद्वान ने राजनीति,अर्थनीति,कृषि,समाजनीति आदि ग्रंथो की रचना की थी। जिसके बाद दुनिया ने इन विषयों को पहली बार देखा है। आज हम आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के उस नीति की बात करेंगे, जिसमें उन्होने बताया है कि इन पांच आदतों से व्यक्ति हो जाता है बर्बाद।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में बताया हैं कि लापरवाही से व्यक्ति को हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होने तर्क दिया है कि आप कोई ऐसा काम करने जा रहे हैं जिसकी आपको उचित जानकारी नहीं है तो आपको किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
आच्रार्य ने आगे बताया है कि व्यक्ति की बर्बादी आलस के कारण भी बनती है। आचार्य ने बताया कि व्यक्ति को हमेशा अनुशासन के साथ जीना चाहिए और हर काम का समय निश्चित होना चाहिए। आलस से हमेशा दूर रहना चाहिए जिससे हर काम आप समय पर और सही ढंग से पूरा कर सकें।
आचार्य ने नशा करने वालों को भी सलाह दिया है कि अत्याधिक नशा करने की आदत किसी भी व्यक्ति को बर्बाद कर सकती है। नशे से सिर्फ आर्थिक हानि ही नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक हानि भी होती है। नशा करने वाला व्यक्ति गलत संगत में पड़ जाता है जिससे वह अपने भविष्य को खराब कर लेता है
आचार्य ने आगे बताया है कि जिन लोगो को कामुकता की लत लग जाती है, उनका जीवन बर्बाद हो जाता है। इससे व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों तौर पर खत्म हो जाता है। इसलिए इस आदत का तुरंत त्याग कर देने में ही भलाई है।