कहते है कि सपने वो नहीं होते है जो नींद में आते है बल्कि सपने वो होते है जो आपको नींद आने ही नहीं देते और इसी बात को सार्थक करके दिखाया राजस्थान के 2 लड़कों ने जिनकी पहचान सिर्फ इतनी थी की वो एक छोटे से दर्जी परिवार से आते थे लेकिन उन्होंने सपना देखा और उस सपने को पुरे करने के लिए संघर्ष की सभी इंतेहा पार करते हुए आज आईएएस अफसर बन गए।
पंकज और अमित, इन दोनों भाइयों का परिवार बेहद गरीब है और बचपन भी तंगहाली में गुजरा, पिता सुभाष कुमावत झुंझुनू में छोटे से दर्जी और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी कपड़ों की तुरपाई करती, दोनों भाई आईएएस अफसर बनना चाहते थे और उनके इस सपने को पूरा करने के लिए उनकी मां ने रातभर जागकर तुरपाई की और पिता ने सिलाई का काम भी बढ़ा दिया।
एक माता पिता अपने दोनों बच्चों के सपने को पूरा करने के लिए रात भर काम करते, एक एक पैसा जोड़कर उनकी फीस और बुक्स का इंतज़ाम करते और आखिर वो दिन भी आया जब उनकी साधना का फल उन्हें मिला।
पंकज और अमित ने साल 2018 में एक साथ यूपीएससी की परीक्षा पास कर डाली। यूपीएससी द्वारा जारी सिविल सेवा की परीक्षा में उनके दोनों बेटों- पंकज और अमित का सिलेक्शन हुआ। पकंज की जहां 443वीं रैंक थी। वहीं, अमित के 600वीं रैंक आई।
अमित कहते है कि जब उनकी मां को यह बात पता चली तो ख़ुशी से उनकी आँखों में आंसू आ गए और आखिरकार उनके द्वारा की गयी मेहनत का फल उन्हें प्राप्त हुआ है। पंकज और अमित कहते है की इंसान को सपने देखने से कभी नहीं डरना चाहिए और पूरी मेहनत से उस सपने को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए।