बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की 23 जून को बड़ी बैठक होने वाली है। इससे पहले बीजेपी अपनी रणनीति पुख्ता करने में जुट गई है। दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ बिहार बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक हुई जिसमें एनडीए के सहयोगी दलों के लिए सीटों का फार्मूला तय किया गया है। खबर के मुताबिक बीजेपी अकेले 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं साथी दलों को 10 सीटें मिलेंगी।
नई दिल्लीः बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की 23 जून को बड़ी बैठक होने वाली है। इससे पहले बीजेपी अपनी रणनीति पुख्ता करने में जुट गई है। दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ बिहार बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक हुई जिसमें एनडीए के सहयोगी दलों के लिए सीटों का फार्मूला तय किया गया है। खबर के मुताबिक बीजेपी अकेले 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं साथी दलों को 10 सीटें मिलेंगी। लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान गुट को 3 और 3 सीटें पशुपति नाथ पारस गुट को दी जाएंगी। राष्ट्रीय लोक जनता दल को भी 3 सीटें ही मिलेंगी वहीं जीतनराम मांझी अगर एनडीए का हिस्सा बनते हैं तो उन्हें एक सीट दी जाएगी। हालांकि अभी सीटों के इस फॉर्मेट पर सहयोगियों से राय लेना बाकी है। इस बैठक में बिहार में आने वाले दिनों के लिए भी रणनीति बनाई गई। बताया जा रहा है कि विपक्षी दलों की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह मुंगेर में बड़ा कार्यक्रम करेंगे जबकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा झंझारपुर में कार्यक्रम करेंगे। बिहार में एनडीए का नया रूप क्या होगा, इस पर बिहार बीजेपी की कोर ग्रुप के नेताओं को जेपी नड्डा ने जानकारी दी। बैठक में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर सबकी राय जानी गई। कुल मिलाकर बीजेपी ने तय किया है कि इस बार घटक दलों को उनकी मर्जी के मुताबिक मुंहमांगी सीटें नहीं दी जाएंगी। फिर बिहार बीजेपी के नेता उनके बारे में फीडबैक देंगे कि उनमें कौन सीट निकाल सकता है।
(केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करते सम्राट चौधरी)
गौरतलब है कि बीजेपी ने एनडीए के सहयोगियों से इस फॉर्मूले पर बात होनी बाकी है। जीतनराम मांझी ने महागठबंधन में खुद के लिए 5 सीटें मांगी थी। जबकि बीजेपी ने एक सीट देने का मन बनाया है। चिराग पासवान भी और सीटें मांग सकते हैं। चूंकि लोजपा ने 2019 में 6 सीटें जीती थी इसलिए दोनों गुटों को मिलाकर 6 सीटों को देने वाला फॉर्मूला तय किया गया।