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विपक्षी दलों की बैठक में साथ चलने पर सहमति, बैठक में नहीं पहुंचे तीन दल

बिहार में विपक्षी दलों की बैठक में एक साथ चलने पर सहमति बनी है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसे अच्छी मुलाकात बताया। विपक्ष के 15 दलों की करीब चार घंटे चली बैठक के सभी नेताओं से साझा प्रेस कॉन्फ्रेस की। इसके कुछ ही दिनों के बाद विपक्षी दलों की एक और बैठक की जाएगी। जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने इस बैठक में 18 विपक्षी दलों के नेताओं के आने का दावा किया था लेकिन 23 जून आया तो इनकी संख्या घट कर 15 हो गई।

By RNI Hindi Desk 
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पटनाः बिहार में विपक्षी दलों की बैठक में एक साथ चलने पर सहमति बनी है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसे अच्छी मुलाकात बताया। विपक्ष के 15 दलों की करीब चार घंटे चली बैठक के सभी नेताओं से साझा प्रेस कॉन्फ्रेस की। इसके कुछ ही दिनों के बाद विपक्षी दलों की एक और बैठक की जाएगी। मीडिया से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे अगली बैठक करेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि जो राज्यों और सरकार के बारे में चुनौतियां आती है उस पर भी बात हुई है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनाव लड़ने का कॉमन एजेंडा तैयार कर हो रहा है। 10-12 जुलाई को शिमला में बैठक होगी हालांकि ये अभी संभावित तिथि है। पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई विचारधारा की है। राहुल गांधी ने कहा कि हम सब अच्छे तरीके से आगे बढ़ने जा रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि इस इस मीटिंग का सुझाव मैने ही दिया था क्योंकि कोई भी जन आंदोलन बिहार की धरती से ही शुरू होता है। उन्होंने कहा कि हम सब लोग मिलकर लड़ेंगे और सभी ने तय किया है कि बीजेपी की तानाशाह सरकार जो चल रही है उसको हर हाल में हटाना है। बनर्जी ने कहा कि आज राज्य की सरकारों को परेशान किया जा रहा है। देश के कई हिस्सों में काला कानून लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी देश का इतिहास बदलना चाहती है जिसे हम नहीं होने देंगे।

बता दें कि जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने इस बैठक में 18 विपक्षी दलों के नेताओं के आने का दावा किया था लेकिन 23 जून आया तो इनकी संख्या घट गई। बैठक की तारीख आने से एक दिन पहले राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सहमति पत्र भेजकर आने से मना कर दिया। भारत राष्ट्र समिति के संस्थापक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव भी नहीं पहुंचे। सूची में शिरोमणी अकाली दल का भी नाम शामिल था। लेकिन बैठक में अकाली दल भी नजर नहीं आया।

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