नई दिल्ली: देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक गोदरेज समूह के परिवार में मनमुटाव शुरु हुए विवाद के बाद बिजनस के बंटवारे की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। गोदरेज समूह ने आदि गोदरेज और भाई नादिर के परिवारों के नेतृत्व वाले दो समूहों और उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा के नेतृत्व में साम्राज्य को यह विवाद सूत्रों के मुताबिक 4.1 बिलियन डॉलर के समूह के पुनर्गठन के लिए महीनों से चर्चा चल रही है, लेकिन हाल ही में इसने गति पकड़ी है।
बता दें कि गोदरेज ग्रुप का कारोबार कंज्यूमर गुड्स से लेकर रियल एस्टेट और इंजीनियरिंग तक फैला है। इस बिजनस को बांटने को लेकर पिछले कई महीनों से चर्चा चल रही है लेकिन हाल के दिनों में इसमें तेजी आई है। इस बातचीत में एक तरफ जहां आदि गोदरेज के पुत्र पिरोजशा गोदरेज हैं, वहीं दूसरे गुट की अगुवाई जमशेद कर रहे हैं। जमशेद का साथ Godrej & Boyce के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर पुरवेज केसरी गांधी दे रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक निमेश कंपानी और उदय कोटक जैसे परिवार से जुड़े बैंकरों और AZB & Partners के जिया मोदी और सिरिल श्रॉफ जैसे लीगल एक्सपर्ट्स से सलाह मशविरा किया जा रहा है। Godrej Industries और Godrej & Boyce ने ईटी को एक संयुक्त बयान में कहा कि गोदरेज परिवार शेयरहोल्डर्स के लिए बेस्ट वैल्यू सुनिश्चित करने के लिए लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजिक प्लान पर काम कर रहा है।
124 साल पहले हुई थी गोदरेज ग्रुप की शुरुआत
गोदरेज ग्रुप की शुरुआत 124 साल पहले ताला बनाने वाली कंपनी के तौर पर हुई थी। कंपनी के दुनिया का पहले वेजिटेबल ऑयल साबुन बनाया था। गोदरेज परिवार भारत के सबसे सम्मानित औद्योगिक घरानों में से एक है। इस समय बिजनस की कमान परिवार की चौथी पीढ़ी के हाथों में है। एक सूत्र ने कहा कि ग्रुप की एसेट्स का बड़े पैमाने पर बंटवारा होगा और अगले 6 महीनों में समाधान निकलने की उम्मीद है।
जमीन को लेकर शुरू हुआ था विवाद
सूत्रों के मुताबिक आदि गोदरेज यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में हैं लेकिन परिवार की नई पीढ़ी के लोग मालिकाना हक को लेकर स्पष्टता चाहते हैं। प्राइवेट कंपनी Godrej & Boyce को छोड़कर ग्रुप की सभी लिस्टेड कंपनियों GIL, GCPL, Godrej Properties और Godrej Agrovet की कमान आदि और नादिर के हाथों में है। परिवार के सभी सदस्यों की एकदूसरे की कंपनियों में हिस्सेदारी है और बोर्ड में रिप्रजेंटेशन है।
2019 में खबर आई थी कि मुंबई के उपनगरीय इलाके विक्रोली में 1000 एकड़ जमीन को लेकर गोदरेज परिवार में विवाद की शुरुआत हुई थी। इसके बाद परिवार में चल रहा कलह बढ़ता गया। बिजनस स्ट्रैटजी और नई पीढ़ी की भूमिका को लेकर भी परिवार में गहरे मतभेद हैं। परिवार के सदस्यों और फैमिली ट्रस्ट्स के बीच बहुत ज्यादा क्रॉस-होल्डिंग्स है जिन्हें अलग करने की जरूरत है। इसलिए यह बंटवारा एक जटिल प्रक्रिया है।