सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए यहां दोहरी प्रतिष्ठा दांव पर है। उनके लिए चुनौती बड़ी है। अपनी मौजूदा सीट बचाना है। मुसलिम यादव वोट बैंक को सेंधमारी से बचाए रखना है। साथ ही साबित करना है कि धर्मेंद्र यादव को बदायूं से आजमगढ़ लाकर लड़ाने का निर्णय सही था।