Delhi Air Pollution: Lockdown may be imposed due to increasing pollution in Delhi; दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर लग सकता है लॉकडाउन। जानिए कब से दिल्ली में लगेगा लॉकडाउऩ।
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार सख्त नजर आ रही है। इसे लेकर केजरीवाल सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा सौंपा। हलफनामे में केजरीवाल सरकार ने कहा कि उनकी सरकार पूर्ण लॉकडाउन लगाने को तैयार है। इसके साथ ही, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोर्ट से कहा कि यह अधिक सार्थक होगा अगर पड़ोसी राज्यों के अंतर्गत आने वाले एनसीआर में भी लॉकडाउन लगाया जाए।
गौरतलब है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर जरूरत पड़े तो दो दिन का लॉकडाउन लगा दें।
याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि पंजाब में चुनाव हैं. वहां सरकार अलोकप्रिय नहीं होना चाहती, इसलिए पराली जलाने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही। इसलिए, पूर्व जज जस्टिस लोकुर की अध्यक्षता में कमेटी बनाना बेहतर कदम था।
CJI ने कहा कि हम अभी नई कमेटी पर बात नहीं कर सकते। हमें सॉलिसिटर जनरल से जानने दीजिए कि सरकार क्या कर रही है। सॉलिसिटर ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं। स्कूल, दफ्तर बंद रखने जैसे उपाय हैं। हरियाणा भी मिलते-जुलते कदम उठा रहा है। जेनसेट बंद रखना जैसे उपाय भी अपनाए जा रहे हैं।
Delhi Government tells Supreme Court that it is ready to impose complete lockdown in Delhi to control air pollution; suggested the court that it would be meaningful if lockdown is implemented across the NCR areas in neighboring states.
— ANI (@ANI) November 15, 2021
सॉलिसीटर ने आगे कहा कि कमेटी की बैठक हुई। हमारी जानकारी में पराली के धुएं का योगदान कुल प्रदूषण में 10% ही है। सड़क से धूल, निर्माण कार्य, गाड़ी आदि से बड़ा योगदान। ईंट भट्ठों को बंद रखने, सड़क निर्माण के हॉट मिक्स प्लांट बंद रखने जैसे उपाय अपनाए जा रहे हैं। सड़क साफ रखने वाली मशीन का इस्तेमाल होगा।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ऐसी कितनी मशीनें हैं? क्या उनकी कीमत ऐसी है कि राज्य सरकार उन्हें खरीद सके। जो लोग इसे चलाएंगे, वह बाद में क्या करेंगे? सॉलिसिटर ने कहा कि लॉकडाउन को अंतिम उपाय की तरह देखा जाना चाहिए. उससे पहले कई कदम उठाए जा सकते हैं।
जज ने कहा कि दिल्ली में 69 सड़क सफाई मशीन है। लेकिन इस्तेमाल कितने का हो रहा है। दिल्ली सरकार का पूरा हलफनामा सिर्फ किसानों पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश है। दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा रक्षात्मक मुद्रा में आ गए। सॉलीसीटर जनरल ने कहा कि दिल्ली समेत सभी राज्य अपना सबसे अच्छा प्रयास कर रहे हैं।
जज ने कहा कि चार्ट के मुताबिक पराली का योगदान सिर्फ 4% है। दिल्ली के वकील ने कबा कि MCD से भी हलफनामा लिया जाए। CJI- आप अब MCD पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपका यही रवैया है तो हमें ऑडिट करवाना पड़ेगा कि आप कितना राजस्व ले रहे हैं। उसका कितना सिर्फ अपनी वाहवाही वाले प्रचार में खर्च कर रहे हैं। CJI ने कहा- आपके पास स्टाफ को वेतन देने के पैसे नहीं है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने शनिवार को आपातकालीन बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्ण लॉकडाउन का सुझाव दिया है। कोर्ट के आदेश को लेकर हम प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं. तैयार प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे।
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार इससे निपटने के लिए अपने स्तर से कई फैसले ले रही है। सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस समस्या से निपटा जाए। केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि आज से 17 नवंबर तक स्कूल एक हफ्ते तक के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं दिल्ली के बाद हरियाणा सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है. खट्टर सरकार ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में चल रहे स्कूलों को 17 नवंबर तक बंद करने का फैसला लिया है। इस सबंध में सरकार ने रविवार को आदेश दिया कि यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।