भगवान महादेव के अत्यंत प्रिय श्रावण मास का महीना भगवान शंकर को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने का महोत्सव है।
हिन्दू धर्म के अनुसार इसी माह में देवी पार्वती ने कठोर तपस्या एवं व्रत करके भगवान शिव को प्रसन्न किया और उन्हें पति रूप में प्राप्त किया।
एक अन्य मान्यता के अनुसार सावन के महीने में शिवजी ने समुद्र मंथन से निकला विष पीकर सृष्टि की रक्षा की थी। इसी कारण इस महीने में शिव पूजा का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
कहा जाता है कि भोलेनाथ थोड़ी सी भक्ति करने से जल्दी ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। इसलिए उन्हें आशुतोष भी कहा जाता है।
इस माह में भगवान् शिव को प्रसन्न करने का अद्भुत मौका होता है। शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा और त्वरित उपाय है उनका मन्त्र ” ॐ नम: शिवाय “, यह एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है।
माना जाता है कि सावन में इस मन्त्र के एक लाख जाप करने से इंसान सिद्धि प्राप्त कर सकता है। उसे दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है।
स्कन्दपुराण में कहा गया है कि ॐ नमः शिवाय महामंत्र जिसके मन में वास करता है,उसके लिए बहुत से मंत्र, तीर्थ, तप व यज्ञों की क्या जरूरत है।