नई दिल्ली: गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए सागर में मिल गई थी। या यूं कहें तो इसी दिन मां गंगा धरा धाम पर अवतरित हुईं थी। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से विशेष लाभ होता है। वहीं दूसरी ओर देंखे तो यह भी मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही उत्तरायण भी हो जाते हैं। जिसके बाद खरमास समाप्त होकर शुभ महीना शुरु हो जाता है।
कहा जाता है कि सूर्य देव के उत्तरायण होने से देवताओं का प्रभात समय भी शुरु हो जाता है। जबतक सूर्य देव दक्षिणायन रहतें हैं, देवताओं का रात्रि काल माना जाता है। इस बात को यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देंखे तो खगोलशास्त्रियों का मानना है कि सूर्य अपनी कक्षाओं में परिवर्तन कर दक्षिणायन से उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। जो स्वास्थ्य की के लिए भी काफी लाभदायक है। मकर संक्रांति के दिन से ही विवाह,मुंडन,गृह प्रवेश और सगाई जैसे मांगलिक कार्यक्रम भी शुरु हो जाते हैं।
आईये जानते हैं मकर संक्रांति का शुभ समय
गुरुवार 14 जनवरी को मकर संक्राति का शुभ मुहूर्त प्रात:काल 8 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगा, जो 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। यह समय स्नान, दान के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
स्नान-दान विधि
मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त के दौरान पवित्र नदी में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। उसके बाद पूर्व दिशा की ओर खड़े होकर अपने जनेऊ के बदलें। इसी समय हाथ में जल और अक्षत लेकर दान का संकल्प करें। उसके बाद योग्य ब्राह्मण या किसी जरुरतमंद व्यक्ति को दान करें। ऐसा करने से अवश्य फल की प्राप्ति होती है।