हिन्दी पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मलमास लगने वाला है। इसे अधिक मास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। यह तीन वर्ष में एक बार आता है। मलमास के पूज्य देव भगवान विष्णु हैं, इस वजह से इसे पुरूषोत्तम मास भी कहा जाता है।
इस बार मलमास का प्रारंभ 18 सितंबर से हो रहा है, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। उसके बाद 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होगा। इस साल आने वाला मलमास पर 160 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है।
आपको बता दे, हिन्दू कैलेंडर की तिथियां घटती बढ़ती रहती हैं, यह अंग्रेजी कैलेंडर के 24 घंटे के एक दिन जैसे निर्धारित नहीं होती हैं। तीन वर्ष तक जो तिथियां घटती और बढ़ती हैं, उनसे बचे समय से हर तीन वर्ष पर एक माह का निर्माण होता है, जो अधिक मास या मलमास कहलाता है।
बता दे, मलमास के समय में मांगलिक कार्यों जैसे कि विवाह, मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश आदि की मनाही होती है। शुभ कार्य मलमास के समय में वर्जित होते हैं। हालांकि खरीदारी आदि की मनाही नहीं होती है।