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जानिए कब है गंगा दशहरा, करें शुभ मुहूर्त में पूजन, जानें पूजा- विधि, महत्व, मंत्र और आरती

By: Amit ranjan 
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जानिए कब है गंगा दशहरा, करें शुभ मुहूर्त में पूजन, जानें पूजा- विधि, महत्व, मंत्र और आरती

नई दिल्ली : गंगा दशहरा का पावन पर्व हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। और इस साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 20 जून को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं। हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत अधिक महत्व होता है।

इस दिन विधि- विधान से मां गंगा की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। मां गंगा की पूजा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार कोरोना वायरस की वजह से घर में रहकर ही मां गंगा की पूजा- अर्चना करें।

जानें: – पूजा- विधि, महत्व, मंत्र, आरती और शुभ मुहूर्त…

गंगा दशहरा मुहूर्त

दशमी तिथि प्रारम्भ – जून 19, 2021 को 06:45 पी एम बजे

दशमी तिथि समाप्त – जून 20, 2021 को 04:21 पी एम बजे

गंगा दशहरा पूजा- विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस बार कोरोना वायरस की वजह से गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं, इसलिए घर में रहकर ही नहाने के पानी में गंगा जल डालकर मां गंगा का ध्यान कर स्नान करें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

इस दिन मां गंगा का अधिक से अधिक ध्यान करें।

इस दिन दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

घर में रहकर ही मां गंगा की आरती करें।

इस पावन दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

मां गंगा की पूजा अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 04:03 ए एम से 04:44 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11:55 ए एम से 12:51 पी एम

विजय मुहूर्त- 02:42 पी एम से 03:38 पी एम

गोधूलि मुहूर्त – 07:08 पी एम से 07:32 पी एम

अमृत काल- 12:52 पी एम से 02:21 पी एम

मां गंगा आरती

ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता।

जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता।

ॐ जय गंगे माता…

चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।

शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता।

ॐ जय गंगे माता…

पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता।

कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।

ॐ जय गंगे माता…

एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता।

यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता।

ॐ जय गंगे माता…

आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता।

दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता।

ॐ जय गंगे माता…

ॐ जय गंगे माता…।।

मां गंगा मंत्र

ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः’

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