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लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की क्या है रणनीति? क्या विपक्षियों को एक कर पाएंगे नीतीश?

नीतीश कुमार ने पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाने का प्लान बनाया है। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इसकी तारीख तय की जाएगी। क्योंकि अभी कांग्रेस के बड़े नेता कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर व्यस्त हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव सभी प्रमुख गैर-एनडीए दलों के नेताओं तक पहुंचकर उनसे पटना में प्रस्तावित बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध किया है।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनावों का सीधा असर आने वाले लोकसभा चुनाव में पड़ेगा। इसलिए सभा सियासी दल लोकसभा चुनाव के लिए पहले ही कमर कस चुके हैं और उन्होंने अपनी-अपनी रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है। इस बार का लोकसभा चुनाव अभी तक के परिदृष्य में दो हिस्सों में बंटा दिख रहा है। जिसके एक हिस्से में केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी और दूसरे हिस्से में महागठबंधन शामिल है। महागठबंधन में तमाम वो दल शामिल हैं जो बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ हैं। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव भले ही खत्म हो गए हों, लेकिन इस साल होने वाले इन राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण 2024 के लोकसभा चुनाव तक सियासी सरगर्मी बनी रहेगी।

लोकसभा चुनाव की रणनीति के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ा प्लान कर रहे हैं। जिसको लेकर वे सभी विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर अपनी बात रख रहे हैं। इस रण में सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य विपक्षी दलों को एक रखना है। जिसके लिए नीतीश कुमार काफी प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में कई सियासी दिग्गजों से मुलाकात की। केंद्र में सत्ता संभाल रही बीजेपी के खिलाफ वो विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं। इसी के मद्देनजर उन्होंने पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाने का प्लान बनाया है। जिसके लिए अगले कुछ दिनों में विपक्षी एकता को लेकर ये बैठक हो सकती है। जिसमें 15 प्रमुख पार्टियों के शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं। विपक्षी दलों की यह बैठक कब होगी इसके लिए विपक्षी पार्टियां अपनी रणनीति बना रही हैं। बताया जा रहा है कि यह बैठक पटना में आयोजित होगी। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इसकी तारीख तय की जाएगी। क्योंकि अभी कांग्रेस के बड़े नेता कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर व्यस्त हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव सभी प्रमुख गैर-एनडीए दलों के नेताओं तक पहुंचकर उनसे पटना में प्रस्तावित बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध किया है।

नीतीश की बैठक में 15 दल हो सकते हैं शामिल

बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के इन प्रयासों का अब तक 15 दलों के नेताओं ने समर्थन के साथ साथ पटना की बैठक में शामिल होने की इच्छा जताई है। जिनमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), झारखंड मुक्ति मोर्चा, समाजवादी पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल, जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकदल, मौलाना बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (एमएल) शामिल हैं। अगले साल आम चुनाव के साथ भी कुछ राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। 2023 के अंत में राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो जाएगा। क्योंकि इस साल दिसंबर और अगले साल जनवरी में इन राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल खत्म हो रहा है। मिजोरम की विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर को खत्म हो जाएगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल तीन जनवरी, 2024 और मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल छह जनवरी, 2024 को समाप्त हो रहा है। इसके अलावा तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 16 जनवरी, 2024 और राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल 14 जनवरी, 2024 को खत्म हो जाएगा। इन सभी राज्यों में एक साथ भी चुनाव हो सकते हैं। वहीं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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