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आगामी चुनाव व UCC पर बीजेपी कर रही मंथन, पीएम मोदी ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग

भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ 5 राज्यों में होने वाले चुनाव और समान नागरिक सहिंता को लेकर गहन मंथन कर रही है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, समेत बीजेपी के संगठन मंत्री बीएल संतोष शामिल रहे। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास पर करीब 5 घंटे तक चली इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन किया गया। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता वाले मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ 5 राज्यों में होने वाले चुनाव समेत समान नागरिक सहिंता को लेकर गहन मंथन कर रही है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, समेत बीजेपी के संगठन मंत्री बीएल संतोष शामिल रहे। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास पर करीब 5 घंटे तक चली इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन किया गया। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता वाले मुद्दे पर भी चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि अलग-अलग धर्मों के प्रमुख लोगों से बीजेपी के आला नेता समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर बात करेंगे और इस मुद्दे पर सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। बैठक में लोकसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बिल लाने को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया है। वहीं उत्तराखंड सरकार द्वारा लाये जा रहे यूसीसी बिल पर भी चर्चा हुई है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और हाल ही में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी मंथन किया गया है।

UCC को लेकर पीएम मोदी ने दिया था बयान

बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत की थी। इसके बाद देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर हलचल बढ़ गई है। नेताओं की बयानबाजियों का दौर भी चल पड़ा है। पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के सवाल के जवाब में कहा था कि ‘हम देख रहे हैं यूसीसी के नाम पर किस तरह से लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा। फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?’  पीएम मोदी के इस बायन को आम आदमी पार्टी को छोड़कर ज्यादातर विपक्षी दलों ने राजनीति से प्रेरित बताया है। समान नागरिक संहिता का अर्थ देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून है जो धर्म पर आधारित नहीं है। व्यक्तिगत कानून तथा विरासत, गोद लेने, उत्तराधिकार से जुड़े कानून इस संहिता में शामिल किये जाने की संभावना है। बता दें कि यूसीसी लागू करना भाजपा के चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा है। पिछले चार साल में केंद्र सरकार में सिर्फ एक बार ही फेरबदल हुआ है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को संगठन में जगह दी जा सकती है।

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