भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पहले अंतरिक्ष मिशन आदित्य एल-1 के अर्थ ऑर्बिट को चौथी बार बढ़ाने का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस बात की अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्विटर एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी है। मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने इस ऑपरेशन के दौरान आदित्य एल1 को ट्रैक किया गया।
बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पहले अंतरिक्ष मिशन आदित्य एल-1 के अर्थ ऑर्बिट को चौथी बार बढ़ाने का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस बात की अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्विटर एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी है। मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने इस ऑपरेशन के दौरान आदित्य एल1 को ट्रैक किया गया। जबकि आदित्य एल1 के इंजन के फायर होने के बाद के ऑपरेशनों का सपोर्ट करने के लिए एक परिवहनीय योग्य टर्मिनल मौजूदा वक्त में फिजी में तैनात है। इसके बाद आदित्य एल1 को 256 किलोमीटर x 121973 किलोमीटर की नई ऑर्बिट हासिल हो गई है।
इसरो के मुताबिक आदित्य एल1 की ऑर्बिट बढ़ाने की अगली कार्रवाई 19 सितंबर को करीब 2 बजे तय है। इसके बाद आदित्य एल1 की ट्रांस-लैग्रेजियन पॉइंट-1 की ओर आगे बढेगा। बता दें कि आदित्य-एल1 पहले सूर्य और पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर लैग्रेंजियन पॉइंट-1 के चारों ओर एक ऑर्बिट में सूर्य का अध्ययन करेगा। इसरो के मुताबिक पृथ्वी के चारों ओर आदित्य एल-1 की 16 दिनों की यात्रा के दौरान उसकी ऑर्बिट को नियमित रूप से बढ़ा रहा है। जिसके दौरान अंतरिक्ष यान एल-1 अपनी आगे की यात्रा के लिए जरूरी वेग हासिल करेगा।