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SC ने ट्रेनों में ‘कवच प्रणाली’ की सराहना की, कोर्ट ने कहा- रेलवे के काम से हम संतुष्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं। हम संतुष्ट हैं कि जनहित में इन कार्यवाहियों की शुरुआत को भारत संघ और भारतीय रेलवे द्वारा काफी कार्य किया गया है। कोर्ट ने यूनियन की ओर से पेश स्टेट्स रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रेन में सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की दिशा में काफी काम हुआ है।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्लीः पिछले दस सालों में भारतीय रेलवे में लगातार विकास के नए आयाम छुए हैं। तब चाहे रेलों के विस्तार की बात हो या फिर रेलवे इन्फ्रास्टक्चर की। पटरियों के दोहरीकरण से लेकर नए स्टेशनों का निर्माण और पुराने स्टेशनों का आधुनिकीकरण, रेल यात्रियों की सुख सुविधाओं का खास खयाल रखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशन में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और उनकी टीम भारतीय रेलवे के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। रेलवे में पहले से चली आ रही तमाम कमियों को दूर किया जा रहा है। भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनों में टक्कर रोधी प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। ट्रेनों में सुरक्षा प्रणाली की स्थापना, पटरियों की गुणवत्ता में सुधार, पटरियों का दोहरीकरण समेत कर्मचारियों का प्रशिक्षण, रेलवे का रख-रखाव आदि में लगातार सुधार किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे के कार्यों को सराहा

सुप्रीम कोर्ट ने भी रेलवे में हो रहे विकास के लिए सराहना की है। बालासोर में हुई रेल दुर्घटना के बाद वकील विशाल तिवारी की रेलवे में टक्कर-रोधी उपायों में सुधार वाली जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और केवी विश्वनाथ की खंडपीठ ने कहा कि भारतीय संघ और भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में टक्कर रोधी प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। बहरहाल ट्रेनों में टकराव रोधी प्रणाली के क्रियान्वयन के लिए भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सेमवार को एक जनहित याचिका का निपटारा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं। हम संतुष्ट हैं कि जनहित में इन कार्यवाहियों की शुरुआत को भारत संघ और भारतीय रेलवे द्वारा काफी कार्य किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनवाई की पिछली तारीख पर अदालत ने भारत के अटॉर्नी जनरल से इस संबंध में सरकार द्वारा अब तक उठए गए कदमों के बार में अवगत कराने का अनुरोध किया था। संघ के वकील द्वारा समय मांगे जाने के बाद कोर्ट ने स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। कोर्ट ने यूनियन की ओर से पेश स्टेट्स रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रेन में सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की दिशा में काफी काम हुआ है।

देश के 10 रूटों पर दौड़ेंगी बुलेट ट्रेन

कुल मिलाकर भारतीय रेलवे लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की अगवाई में प्रगति के पथ पर है और आने वाले समय में सरकार का हाई स्पीड ट्रैनों के विकास पर खास फोकस रहेगा।  जल्द ही देश के 10 रूटों पर बुलेट ट्रेन दौड़ेगी। प्रधानमंत्री ने भाजपा के संकल्‍प पत्र में तीन और नए रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की है। इससे पहले बुलेट ट्रेन के छह रूट चिन्हित हो चुके हैं और अहमदाबाद से मुंबई रूट पर काम तेजी से चल रहा है। रेल मंत्री 2026 में बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा भी कर चुके हैं। बता दें कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है। प्रधानमंत्री ने जिन तीन नए रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की है, उनमें उत्‍तर, दक्षिण और पूर्व शामिल हैं। मौजूदा समय अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन का निर्माण चल रहा है। इसका निर्माण नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन करा रहा है। दिल्‍ली मुंबई अहमदाबाद के अलावा भविष्‍य में छह और रूटों पर बुलेट चलाने की तैयारी है। इन सभी छह रूटों पर फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इनमें से दो रूटों पर डीपीआर बनने का काम चुनाव के बार शुरू हो जाएगा। ब्यूरो रिपोर्ट

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