रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: गरुड़ पुराण 18 पुराड़ों में से एक माना जाता है, इस पुराण में स्वर्ग, नर्क, पाप-पुण्य, मृत्यु के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही गरुड़ पुराण में कई ऐसी नीतियां और भी बताई गई हैं जो आपके जीवन की हर मुश्किल से दूर रखने में मदद करती है। गरुड़ पुराण एक तरफ मौत का रहस्य बताया है वहीं दूसरी तरफ इस पुराड़ में जीवन के रहस्य छिपे हुए है।
इस पुराण में जीवन संबंधित कई बातें बताई गई हैं। जिसको जीवन में उतारने से आप सुखी और खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं। गरुड़ पुराण में बताई गई 5 चीजों से हमेशा दूरी बनाकर रखें, आइये जानते हैं, उन पांच चीजों के बारे में…
1 अत्यधिक मोह: गरुड़ पुराण में बताया गया है कि कभी भी व्यक्ति को किसी भी चीज से ज्यादा मोह नहीं करना चाहिए। इसके तर्क के रुप में बताय़ा गया है कि किसी भी चीज से ज्यादा मोह करने से आने वाले समय में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मोह एक ऐसी चीज है जो आपको कभी भी आगे नहीं बढ़ने देता है। मोह में बंधा हुआ व्यक्ति कभी भी तरक्की की राह में नहीं चल पाता है और कभी भी उसे किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है।
2 अंहकार: गरुड़ पुराण में वर्णित है कि अहंकार करने वाला व्यक्ति हमेशा खुद को श्रेष्ठ और दूसरों को छोटा समझता है। यह गुण जिस व्यक्ति में आ जाता है उसे सिर्फ मैं और मैं ही दिखता है। जिसके अंदर भी अंहकार का भाव आ जाता है वह कभी भी स्थाई रूप से सफलता नहीं पा पाता है। उसका अंहकार कभी न कभी उसके पतन का कारण बन सकता है।
3 अधूरा ज्ञान: गरुड़ पुराण में तीसरी बात बताई गई है कि अगर आपको किसी भी चीज में सफलता पाना है या फिर किसी भी चीज में परांगत बनना है तो उसके लिए जरुरी हैं कि आपका ज्ञान अधूरा नहीं होना चाहिए। जब आपको ज्यादा से ज्यादा जानकारी होगी तभी आप सही और गलत का फैसला कर सकते हैं। अगर आने वाले समय में आपके सामने दो चीजों में एक सही चुनना है तो आपको यह पता होना चाहिए कि कौन सही और कौन गलत। इसलिए कहा जाता है कि अधूरा ज्ञान कई बार परेशानियों में डाल सकता है या फिर दूसरे के सामने शर्मिंदा कर सकता है।
4 क्रोध: गरुड़ पुराण के अनुसार जब आपको किसी चीज को लेकर मनवांछित फल नहीं मिलता है तो आपको क्रोध आना स्वाभाविक हो जाता है। लेकिन जो लोग आपने क्रोध को संभाल लेते है वह आने वाले समय में जरूर सफल होते है। इतना ही नहीं कई बार क्रोध के कारण बनते हुए रिश्ते बिगड़ जाते है।
5 असुरक्षा की भावना: अंत में बताया गया है कि जिन लोगों के मन में असुरक्षा की भावना की होती है वह किसी भी काम को पूरी एकाग्रता के साथ नहीं कर पाते हैं। क्योंकि आपको हर पल महसूस करते हैं कि आप खुद को कैसे सुरक्षित करे।