भारतीय जनता पार्टी (BJP) अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दिल्ली स्थित इंडिया गेट का नाम बदलकर ‘भारत माता द्वार’ करने की मांग की है। पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में सिद्दीकी ने इस बदलाव को भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि देने और राष्ट्रीय भावना को बेहतर तरीके से प्रकट करने के रूप में प्रस्तुत किया।

इंडिया गेट: एक ऐतिहासिक युद्ध स्मारक
इंडिया गेट, जो दिल्ली के कर्तव्य पथ के पास स्थित है, भारतीय सेना के लगभग 75,000 सैनिकों के बलिदान का प्रतीक है। इन सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में अपनी जान दी। यह प्रतिष्ठित संरचना, जिसे सर एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था, प्राचीन रोम के विजयी मेहराबों से प्रेरित है।
‘भारत माता द्वार’: शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि
सिद्दीकी ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि इंडिया गेट का नाम ‘भारत माता द्वार’ रखने से देश के वीर शहीदों के बलिदान को सही सम्मान मिलेगा और यह राष्ट्र की सामूहिक भावना का भी प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के गौरवपूर्ण इतिहास और हमारी सैन्य परंपराओं को और अधिक मजबूत करेगा।
इंडिया गेट न केवल एक युद्ध स्मारक है, बल्कि यह भारत के राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है। प्रत्येक गणतंत्र दिवस पर, प्रधानमंत्री यहां अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, और इसके बाद गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत होती है, जो इसे भारत की औपचारिक परंपराओं का अभिन्न हिस्सा बनाता है।
जमाल सिद्दीकी का यह पत्र भारत के वीर शहीदों के सम्मान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और देश के इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करने का एक प्रयास है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो यह भारत की इतिहास, संस्कृति और शौर्य को नया आकार दे सकता है।