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BJP कार्यकर्ताओं को जल्द बांटें जाएंगे दायित्व, निगम, आयोग-परिषदों के बनेंगे अध्यक्ष: सीएम पुष्कर सिंह धामी

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को विभिन्न निगम, आयोग और परिषदों में जल्द दायित्व बांटें जाएंगे। हालांकि, इससे पहले संगठन से भी राय-मशविरा किया जाएगा।

By RNI Hindi Desk 
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को विभिन्न निगम, आयोग और परिषदों में जल्द दायित्व बांटें जाएंगे। हालांकि, इससे पहले संगठन से भी राय-मशविरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी जरूरी पद रिक्त हैं, उनमें पार्टी के समर्पित सिपाहियों की जगह दी जाएगी। स्वाभाविक है कि इससे सरकार के कामों में और तेजी आएगी।

कैबिनेट में रिक्त तीन पदों को भरने के सवाल पर सीएम धामी बोले कि इस पर पार्टी हाईकमान को फैसला लेना है। जब भी उचित समय आएगा, कैबिनेट का विस्तार कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस संकेत से माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में अभी कुछ वक्त लग सकता है।

उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रि परिषद विभाग ने विभिन्न निगम, आयोग और परिषदों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ ही सदस्यों के रिक्त पदों का ब्योरा जुटा लिया है। कुछ संवैधानिक पदों को छोड़कर बाकी लगभग 115 पद पिछले एक साल से खाली हैं। हालांकि,  मुख्यमंत्री कार्यालय ने अभी यह सूची नहीं मांगी गई है, लेकिन विभाग ने ऐहतियात के तौर पर तैयारियां कर दी हैं

उपचुनाव परिणाम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीत भारतीय जनता पार्टी के लिए जितनी महत्वपूर्ण है, कांग्रेस के लिए फिर एक सबक के रूप में सामने आई है। उपचुनाव में कांग्रेस हारेगी, यह बात कांग्रेस भी जानती थी, लेकिन इतनी बुरी गत होगी, यह आभास कांग्रेस को नहीं था।

हालांकि यह संकेत तो तब ही मिल गया था, जब क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले दमदार कांग्रेसियों ने चुनाव लड़ने से पल्ला झाड़ दिया। जब कोई नहीं मिला तो क्षेत्र की एक महिला कार्यकर्ता निर्मला गहतोड़ी को चुनाव मैदान में उतार दिया गया। इसके बाद भी सम्मानजनक हार के लिए पार्टी नेताओं ने कोई खास जतन नहीं किया। नए प्रदेश अध्यक्ष, नए नेता सदन और उपनेता सदन के कौशल की परीक्षा भी होनी थी, लेकिन वे पहले ही पलायन कर बैठे।

पार्टी प्रत्याशी ने तो उसी दौरान कह दिया था कि वह अकेली लड़ रही हैं। हरीश रावत जैसे दिग्गज दो-चार दिन क्षेत्र में रह कर समाचार पत्रों में सुर्खियां तो बटोर गए, लेकिन पार्टी की नाक बचाने का कोई प्रयास नहीं किया। अब कांग्रेस नेता शर्मनाक हार के लिए सरकार और भाजपा को जिम्मेदार बता रहे हैं, जैसे कांग्रेस को पैरों पर खड़ा करने का जिम्मा भाजपा को निभाना था। पहले उदयपुर चिंतन शिविर फिर प्रदेश स्तरीय देहरादून चिंतन शिविर और अब जिला स्तर पर चिंतन शिविर करने की योजना बन गई है। अपने हालात पर इतना चिंतन करने वाली कांग्रेस को चम्पावत से मिले स्पष्ट संकेतों पर भी चिंता करनी चाहिए।

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