One day Chief Minister Harish Rawat took over the door of Congress....Uttarakhandके Former Chief Minister Harish Rawat ने कांग्रेस की डोर संभाली।
रिपोर्ट:खुशी पाल
उत्तराखंड: हरिष रावत का नाम उत्तराखंड(Uttarakhand) के राजनीतिक गलियारे में हावाओं की तरह घूमता है। हरिश रावत(Harish Rawat) कांग्रेस पार्टी के वरिष्ट नेता है साथ ही वह 2012 में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री(Former Chief Minister) के रूप में भी अपना किरदार निभा चुके है। राजनीतिक परिवार से न होने पर भी उन्होंने उत्तराखंड की राजनीति में काफी नाम कमाया है। बता दें कि हरिष रावत एक साधारण परिवार से थे।
हरिष रावत की बात करें तो 1973 में कांग्रेस की जिला यूथ इकाई में वह सबसे छोटी उम्र के नेता रह चुके है। यही नहीं, 1973 में वह अध्यक्ष भी बने चुके थे। समय की गाड़ी के चलते हुए रावत ने अपना एक ऐसा किरदार बनाया है जिसमें उन्होंने विरोधियों से हारने के बाद और मजबूत बनकर उभरने का साहस किया हैं। उनकी इसी संभव कोशिश ने उनकी ब्लॉक प्रमुख से चुनावी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की और 2012 में मुख्यमंत्री बनाने में योगदान दिया।
हरिष रावत को जनता शुरू से काफी पंसद करती है। जानकारी के मुताबकि उत्तराखंड के प्रमुख क्षेत्र गढ़वाल और कुमाऊं में रावत की बेहद अच्छी पकड़ है। आपको बता दें उत्तराखंड की राजनीति में रावत सबसे पुराने नेता है।
हरिष रावत की चुनावी हिस्ट्री की बात करें तो 2016 में कांग्रेस में हुई तोड़फोड़ के चलते उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा था। 25 दिन के राष्ट्रपति शासन के बाद 21 अप्रैल 2016 को एक बार फिर रावत एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे।
आपको बता दें कि हरीश रावत 15वीं लोकसभा में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा हरदा के नाम से मशहूर रावत को भले ही कांग्रेस ने चुनाव में सीएम का चेहरा घोषित न किया हो, लेकिन उनके समर्थकों के साथ विरोधी भी मानते हैं कि कांग्रेस सत्ता में आती है तो कुर्सी उन्हीं की है।