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पांच राज्यो के विधान सभा चुनाव से पहले “भगवामय” हुई कांग्रेस, पार्टी के दिग्गज नेता भगवा पगड़ी में दिखे

By RNI Hindi Desk 
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रिपोर्ट: सत्यम दुबे

नई दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का शुक्रवार को एलान कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की बात करें तो पार्टी की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को कांग्रेस पार्टी से नाराज नेता जम्मू में एक साथ दिखे। आपको बता दें कि इन नेताओं की नाराजगी गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा न भेजने से है। इन नेताओं की लिस्ट काफी लंबी है। असंतुष्ट नेताओं के लंबी लिस्ट की बात करें तो इनमें 23 कांग्रेस दिग्गज नेता शामिल हैं।

पार्टी से नाराज इन नोताओं को G-23 कहा जा रहा है। हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए निपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद G-23 की अगुवाई कर रहे हैं। गुलाम नबी आजाद के साथ भूपेंद्र हुड्डा, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, राजबब्बर, मनीष तिवारी, विवेक तनखा इस G-23 शांति सम्मेलन में पहुंचे हैं। शांति सम्मेलन के बहाने यह शीर्ष नेता एकजुटता दिखाकर पार्टी हाईकमान को स्पष्ट संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस के कुछ सांसद भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। गुलाम नबी आजाद ने वहां मौजूद लोगों से इनका परिचय करवाया। रैली में भारी जन सैलाब उमड़ा है।

आपको बता दें कि जम्मू में G-23 “गांधी ग्लोबल फैमिली” के अध्यक्ष डॉक्टर एसपी वर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से रिटायरमेंट पर उनके सम्मान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस मंच से कांग्रेस के बागी बड़े दिग्गज नेता जो गांधी ग्लोबल फैमिली के सदस्य हैं, दुनियाभर को शांति का संदेश देंगे। एसपी वर्मा के आगे कहा कि उन्होंने न केवल दिल्ली से कांग्रेस के बड़े नेताओं को बल्कि जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को एक ओपन इनविटेशन भेजा है।

इस दौरान पार्टी से नाराज नेताओं के रंग और तेवर पार्टी के विचारधारा के खिलाफ दिखा। आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के सभी बागी नेता भगवा रंग की पगड़ी में एक साथ मंच पर दिखे। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि “कांग्रेस उन्हें कमजोर होती दिख रही है। उन्होंने गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा के लिए नामित न किए जाने पर भी सवाल उठाए।“

सिब्बल ने इस दौरान आगे कहा कि “सच बोलने का मौका है और आज सच ही बोलेंगे। हम क्यों यहां इकट्ठा हुए हैं? सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है। इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। पहले भी इकट्ठा हुए थे। हमें इकट्ठा होकर इसे मजबूत करना है। हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद साहब को संसद से आजादी मिले।“

कांग्रेस पार्टी के पूर्व यूपी अध्यक्ष राज बब्बर भी G-23 में हिस्सा लिए। इस दौरान उन्होने कहा कि “लोग कहते हैं, जी 23, मैं कहता हूं गांधी 23, महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ, इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था। कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए मजबूती से खड़ी है। जी 23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने”।

कांग्रेस के बागी नेता राहुल गांधी के “उत्तर-दक्षिण की राजनीति” वाली टिप्पणी से भी नाराज है। कांग्रेस के ये नेता गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा के लिए फिर से नामित न किए जाने से भी नाराज हैं। पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त हो गया था जिसके बाद उन्हें विदाई दी गई। आजाद की विदाई समारोह में पीएम मोदी ने सदन में उनकी काफी तारीफ की थी। इसके कई मायने निकाले गए थे। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के दिग्गज नेताओँ के नाराज होने से कांग्रेस पार्टी और कमजोर होती हुई दिख रही है।

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