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कॉमेडियन मुनव्वर फारुखी पर दो टूक, ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए: MP हाइकोर्ट

By RNI Hindi Desk 
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रिपोर्ट: सत्यम दुबे

नई दिल्ली: हिंदू देवी देवताओ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुजरात के कॉमेडियन मुनव्वर फारुखी सोमवार को सुनवाई करते हुए जमानत याचिका को सुरक्षित रख लिया है। लेकिन इस मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय अपनी टिप्पणी को लेकर सुर्खिंयों में बना रहा। आपको बता दें कि बीजेपी विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तारी के बाद फारुकी यहां न्यायिक हिरासत के तहत केंद्रीय जेल में बंद हैं।

इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ती रोहित आर्य ने कहा कि “आप अन्य लोगों की धार्मिक भावनाओं का अनुचित लाभ क्यों उठाते हैं। आपकी मानसिकता में ऐसा क्या है? आप अपने व्यवसाय के उद्देश्य के लिए यह कैसे कर सकते हैं?”

जिसके बाद इस मामले में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने हास्य कलाकार के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर सवाल उठाए।

आपको बता दें कि तन्खा के मुताबिक इंदौर के एक कैफे में एक जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में ऐसा कोई भी शब्द नहीं कहा था जिससे किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती हो और उनके मंच पर पहुंचते ही शिकायतकर्ता (भाजपा विधायक का बेटा) ने हंगामा करते हुए कार्यक्रम रुकवा दिया था।

जबकि दूसरी ओर सरकारी वकील अमित सिंह सिसोदिया ने फारुकी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आरोपों पर जोर देते हुए हास्य कलाकार की जमानत याचिका के खिलाफ दलीलें पेश कीं।

जिसके बाद मध्य प्रदेश के इंदौर खंडपीठ के न्यायमूर्ती रोहित आर्य ने विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए करीब आधे घंटे बाद फारुकी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा लिया है।

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