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लालू प्रसाद यादव की जमानत के चलते चुनौती देने वाली य़ाचिका को स्वीकार, पढ़ें

 सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की जमानत को चुनौती देने वाली य़ाचिका को स्वीकार कर लिया है। अदालत की ओर से जल्दी ही इस मामले की सुनवाई की जाएगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर लालू यादव को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है।

By RNI Hindi Desk 
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सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की जमानत को चुनौती देने वाली य़ाचिका को स्वीकार कर लिया है। अदालत की ओर से जल्दी ही इस मामले की सुनवाई की जाएगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर लालू यादव को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है।

सोमवार को जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने लालू यादव की बेल अर्जी के खिलाफ याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया। झारखंड सरकार की ओर से दायर अर्जी में राज्य के उच्च न्यायालय की ओर से दुमका राजकोष मामले में 17 अप्रैल, 2021 को दी जमानत को चुनौती दी गई थी

इसके अलावा चाईबासा राजकोषीय मामले में भी 9 सितंबर, 2020 को लालू यादव को बेल दी गई थी। उसके खिलाफ भी अर्जी दायर की गई है, जिस पर अदालत ने सुनवाई का फैसला लिया है। अविभाजित बिहार के कई जिलों के राजकोष से चारा घोटाले में अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को दोषी पाया गया था।

चारा घोटाले से जुड़े कुल 5 मामले हैं, जिनमें 950 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। यह मामला जनवरी, 1996 में सामने आया था, जब चाइबासा के डिप्टी कमिश्नर अमित खरे ने पशु पालन विभाग में छापेमारी की थी।

पटना हाई कोर्ट ने मार्च 1996 में इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज मामले की जांच की थी। यही नहीं जून, 1997 में सीबीआई ने जब चार्जशीट दाखिल की तो फिर लालू प्रसाद यादव का भी नाम जोड़ा गया, जिनका नाम उससे पहले नहीं था

जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई की बेंच ने लालू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने राजद नेता यादव को 2021 में दुमका कोषागार मामले और 2020 में चाईबासा कोषागार मामले में दी गई जमानत के खिलाफ अपील दायर की है। दुमका कोषागार मामले में उन्हें पूर्व में बिहार के झारखंड के दुमका शहर में कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये निकालने का दोषी पाया गया था.

“दुमका कोषागार केस” में 1991 और 1996 के बीच बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा दुमका कोषागार से निकाला गया धन शामिल है, जब लालू यादव मुख्यमंत्री थे  चाईबासा कोषागार मामले में भी उन पर ऐसे ही आरोप हैं. इन मामलों में झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।  चारा घोटाला मामले में लालू यादव पर कुल 5 मुकदमे चल रहे हैं।

उनमें से 4 में उन्हें जमानत मिल गई थी लेकिन पांचवें में उन्हें दोषी ठहराया गया था  उन्हें पांच साल जेल और 60 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।

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