लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड ने भारत को दूसरे वनडे में 100 रनों के बड़े अंतर से मात दी। तो वहीँ लॉर्ड्स में 23 साल बाद किसी लेग स्पिनर ने एक वनडे में चार या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं। पिछली बार शेन वॉर्न ने 1999 वर्ल्ड कप के फाइनल में ऐसा किया था।
लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड ने भारत को दूसरे वनडे में 100 रनों के बड़े अंतर से मात दी। तो वहीँ लॉर्ड्स में 23 साल बाद किसी लेग स्पिनर ने एक वनडे में चार या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं। पिछली बार शेन वॉर्न ने 1999 वर्ल्ड कप के फाइनल में ऐसा किया था।
इस जीत के साथ मेजबानों ने तीन मैच की वनडे सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है। भारत ने पहले मैच में इंग्लैंड को 10 विकेट से धूल चटाई थी। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इस करारी हार के बाद कहा कि वह पिच को देखकर अचंभित थे, पिच समय के साथ और बेहतर होने की जगह मुश्किल होती गई। बता दें, इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 247 रनों का लक्ष्य रखा था, टॉप्ली की घातक गेंदबाजी के सामने पूरी भारतीय टीम 146 रनों पर ही ढेर हो गई।
बात मुकाबले की करें तो रोहित शर्मा ने लॉर्ड्स वनडे में भी टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। भारतीय गेंदबाजों ने अच्छी शुरुआत देते हुए इंग्लैंड के शीर्ष क्रम को जल्दी ही पवेलियन का रास्ता दिखाय दिया था, मगर लिविंगस्टोन, मोइन अली और डेविड विली की छोटी-छोटी पारियां भारत पर भारी पड़ी और इंग्लैंड बोर्ड पर 246 रन लगाने में कामयाब रही।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी रही। रोहित-पंत खाता भी नहीं खोल पाए, वहीं धवन 9 और कोहली 16 रन बनाकर आउट हुए। 73 रन पर आधी टीम इंडिया पवेलियन लौट गई थी। भारत का इसके बाद वापसी करने मुश्किल हो गया और पूरी टीम 146 रनों पर ढेर हो गई।
इंग्लैंड के लिए टॉप्ली ने सबसे अधिक 6 विकेट लिए रोहित शर्मा का बतौर कप्तान यह 15वां वनडे मुकाबला था, विराट कोहली जब अपनी कप्तानी के दौरान जब रेस्ट पर होते थे तो कई बार रोहित ने टीम इंडिया की कमान संभाली है। रोहित के वनडे कप्तानी के छोटे से करियर में यह तीसरी बार हुआ है जब टीम इंडिया 150 रन के अंदर सिमटी है। वहीं बात कोहली की करें तो उन्होंने 95 वनडे मैचों में टीम इंडिया की अगुवाई की है और एक भी बार टीम 150 के अंदर ऑलआउट नहीं हुई है।
लॉर्ड्स वनडे में भारत के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल छा गए। तीन वनडे मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में चहल ने इंग्लैंड के बल्लेबाज को जमकर नचाया। फिरकी का जादू चलाकर इस दाएं हाथ के गेंदबाज एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उन्होंने 10 ओवर में 47 रन देकर चार विकेट लिए। लॉर्ड्स में किसी वनडे मैच में भारतीय पुरुष गेंदबाज द्वारा किया गया यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
चहल ने 39 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। वह मोहिंदर अमरनाथ से आगे निकल गए। अमरनाथ ने 1983 वर्ल्ड कप के फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ 12 रन देकर तीन विकेट लिए थे। उनके बाद इस मामले में दूसरे स्थान पर आशीष नेहरा हैं। नेहरा ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ 26 रन देकर तीन विकेट लिए थे।