नई दिल्ली : देश में लगातार बढ़ती प्रदूषण के कारण लोगों के सिरों के बाल झड़ रहें है, जिसका प्रमुख कारण कभी लगातार तेल बदलना होता हैं, तो कभी पानी का सहीं ना होना और कभी हार्मोन्स की कमी। हालांकि इसे लेकर लोग तरह-तरह के तेल का इस्तेमाल करते हैं, चाहे वह आयुर्वेदिक हो या ब्रांडेंड।
आपको बता दें कि अब वैज्ञानिकों ने एक दावा किया है कि उन्होंने गंजेपन का इलाज ढूंढ़ लिया है, जिससे अब आपके सिर पर बाल उग आएंगे। थाइलैंड के शोधकर्ताओं ने दावा कर कहा कि मैंग्रोव पेड़ के अर्क के सहारे गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इस अर्क को Avicequinon C कहा जाता है और ये उन हॉर्मोन्स को रोकता है जिसके चलते बाल झड़ते हैं।
बता दें कि Chulalongkorn यूनिवर्सिटी के कुछ शोधकर्ताओं ने ये टेस्ट 50 पुरुषों और महिलाओं पर किए हैं। ये सभी लोग एंड्रोजेनिक एलोपिसीया से ग्रस्त थे जो बालों के झड़ने की सबसे आम समस्या जूझ रहें है। इस ट्रीटमेंट के बाद ना केवल इन लोगों के बालों के झड़ने में कमी देखने को मिली बल्कि इन लोगों के बाल भी काफी मजबूत हुए। शोध के मुताबिक, ये उन लोगों के लिए भी कारगर है जो अपने बाल गंवा चुके हैं।
इस शोध से जुड़े एक प्रोफेसर ने कहा कि हमने लोगों के सिर के हर हिस्से की तस्वीरें ली थीं। इसके अलावा हमने हेयर लॉस वाले क्षेत्र के लिए माइक्रोस्कोप की मदद भी ली। हमने इस प्रक्रिया को 4 महीनों के लिए दोहराया था। इसके बाद हमने इन लोगों के गंजेपन वाले एरिया को चेक किया था और सिर्फ एक महीने बाद ही बालों की मजबूती में काफी पॉजिटिव बदलाव देखने को मिले।
आपको बता दें कि इस ट्रीटमेंट के दौरान किसी भी व्यक्ति को कोई एलर्जी नहीं हुई थी। प्रोफेसर Wanchai Deeknamkul ने कहा कि मैंग्रोव के इस अर्क को एविसेनिया मारिन के नाम से जाना जाता है। इसमें प्रमुख रासायनिक Avicequinon C होता है। हमने पाया है कि इसके काफी फायदे हैं। सबसे पहले तो ये उन एंजायम्स को रोक लेता है जो हेयर लॉस हार्मोन्स पैदा करते हैं। इसके अलावा ये ऐसे प्रोटीन भी पैदा करता है, जिस कारण बालों की ग्रोथ और मजबूती बेहतर होती है।
उन्होंने आगे कहा कि इस शोध का अगला कदम अधिक से अधिक लोगों पर ये टेस्ट करना होगा ताकि थाइलैंड का फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन इसे अप्रूव कर सके। बता दें कि एक निजी कंपनी ने पहले ही इस रिसर्च के पेटेंट को खरीद लिया है और ये कंपनी इसके सहारे एक हेयर लॉस प्रॉडक्ट का निर्माण कर सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले 6 महीनों में यह प्रोडक्ट बाजार में जल्द उपलब्ध हो सकता है।