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LOCKDOWN! कोरोना के लगातार बढ़ते केसों के बीच SC का केंद्र और राज्यों को निर्देश- लॉकडाउन लगाने पर करें विचार

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : देश में कोरोना महामारी का कहर लगातार बेकाबू होता जा रहा है, जिसे कंट्रोल करने को लेकर सरकार की हर प्रयास काफी कम जान पड़ रही है। क्योंकि जिस कदर लोग ऑक्सीजन की कमी की समस्या का सामना करते हुए तड़प-तड़प कर मर रहे है, वो काफी चिंताजनक है। इसी चिंताजनक हालात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से लॉकडाउन पर विचार करने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से कहा है कि वे लोक कल्याण के हित में दूसरी लहर के वायरस पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन लगाने पर विचार कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि लॉकडाउन लगाने से पहले सरकार ये भी सुनिश्चित करे कि इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव कम पड़े। कोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों पर लॉकडाउन का असर पड़ सकता है, उनके के लिए खास इंतज़ाम किए जाएं।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में स्थिति को गंभीर होते देख सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही मामले को संज्ञान लेते हुए कहा है कि अगर किसी मरीज के पास किसी राज्‍य/केंद्र शासित प्रदेश का स्‍थानीय पता प्रमाण पत्र या आईडी प्रूफ नहीं है तो भी उसे हॉस्पिटल में भर्ती करने और जरूरी दवाएं देने से मना नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि इससे पहले कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति 3 मई की मध्यरात्रि या उससे पहले ठीक कर ली जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि केंद्र ऑक्सीजन की सप्लाई की व्यवस्था राज्यों के परामर्श से तैयार करे, आपातकालीन प्रयोजनों के लिए ऑक्सीजन का स्टॉक और आपातकालीन ऑक्सीजन साझा करने की जगह को विकेंद्रीकृत करें।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य पुलिस कमिश्नरों को निर्देश दें कि सोशल मीडिया में किसी भी जानकारी पर कार्यवाही की तो अदालत कार्यवाही करेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दो सप्ताह के भीतर केंद्र को अस्पतालों में प्रवेश पर नेशनल प्लान बनाए और राज्यों द्वारा इसका पालन किया जाए, – जब तक ये नीति तैयार ना हो निवास के प्रमाण के अभाव में किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने या आवश्यक दवाओं से वंचित नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले कुछ युवकों द्वारा अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन बेचने और अन्य किसी पिड़ित की मदद का मामला सामने आया था, जिसे लेकर पुलिस ने युवक पर एक्शन लेते हुए कार्रवाई की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के मामले पर सरकार और प्रशासन पर कार्रवाई की बात कहीं।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को वैक्सीन का मूल्य निर्धारण और उपलब्धता, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता पर फिर से विचार करने को कहा है, जिससे आम जनमानस को किसी तरह का कोई समस्या ना हो।

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