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चीन और पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत ने किया Pralay बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, 500 किमी तक भेद सकती है टारगेट

India successfully test-fired Pralay ballistic missile amid tensions with China and Pakistan; भारत ने किया Pralay बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण। प्रलय मिसाइल की मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर के बीच है। DRDO ने किया प्रलय मिसाइल को डेवलप।

By Amit ranjan 
Updated Date

नई दिल्ली : चीन और पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत सरकार लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं में इजाफा कर रहा है, जिससे दोनों दुश्मन देशों को सबक सिखाया जा सकें। आपको बता दें कि बुधवार को भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली छोटी मारक क्षमता वाले एक मिसाइल का सफल प्रशिक्षण किया है। जिसकी मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर के बीच है।

आपको बता दें कि भारत ने इस मिसाइल का नाम ‘प्रलय’ रखा है, जिसे डेवलप डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन यानी DRDO ने किया है। बता दें कि इस मिसाइल का सफल परीक्षण ओडिशा के तट पर स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड से किया गया। यह मिसाइल एक टन तक वॉरहेड ले जा सकती है।

 

भारत ने किया अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण

बता दें कि इससे पहले परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का भारत ने शनिवार को सफल परीक्षण किया था। दो हजार किलोमीटर तक की मार करने में सक्षम इस नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल का टेस्ट ओडिशा के बालासोर में किया गया। इस मिसाइल को भी डेवलप डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने ही किया था।

आपको बता दें कि डीआरडीओ ने अग्नि-प्राइम को अग्नि-1 और अग्नि-2 सीरिज की मिसाइल से ज्यादा उन्नत तैयार किया है। भले ही इसकी रेंज कम हो लेकिन इसमें तकनीक अग्नि-5 की इस्तेमाल की गई है। यही वजह है कि ये दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी चकमा देने में कामयाब हो सकती है। इस मिसाइल को भारत ने पाकिस्तान की कम दूरी की परमाणु मिसाइलों के मुकाबले तैयार किया है।

इस महीने की शुरुआत में भारत ने की थी दो मिसाइलें का टेस्ट

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में भारत ने दो मिसाइलें टेस्ट की थी। जिसमें पहला, 8 दिसंबर को भारत ने सुखोई लड़ाकू विमान से सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया था। ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने ब्रह्मोस डेवेलपमेंट में इसे बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि इससे देश के भीतर ब्रह्मोस मिसाइलों एयर एडिशन के प्रोडक्शन सिस्टम का रास्ता साफ हो जाएगा।

वहीं दूसरा, 7 दिसंबर को भारत ने कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (VL-SRSAM) का सफल परीक्षण किया था। आपको बता दें कि यह एयर डिफेंस सिस्टम 15 किलोमीटर की दूरी पर ही लक्ष्य को भेद सकता है।

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